अल्मोड़ा। पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम. बिट्टू कर्नाटक ने आज मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित करते हुये उन्हें बताया कि विगत दिनों भारी वर्षा के कारण उत्तराखण्ड राज्य तथा विशेषकर पर्वतीय जनपदों में अत्यधिक नुकसान के साथ -साथ काफी जनहानि हुई। अल्मोडा विधानसभा क्षेत्र में करोडों रूपये के नुकसान के साथ-साथ जनहानि भी हुई। भयानक वर्षा के कारण आवासीय मकान या तो क्षतिग्रस्त हो गये अथवा आंशिक रूप से नष्ट हो गये, मकानों में दरारें पड़ गयी, कृषकों के खेत-खलिहान बह गये, फसलों को भारी नुकसान हुआ, सडकें/रास्ते क्षतिग्रस्त हो गये, सैकडों लोग हताहत हुये, पेयजल व विद्युत लाईनें क्षतिग्रस्त होने से नागरिकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। यही नहीं लोगों के बरामदे, गौशाला, मकान के आगे-पीछे की दिवारें, आंगन तक क्षतिग्रस्त हो गये हैं। कोरोना संक्रमण से हुये नुकसान के कारण जनता अभी उबर भी नहीं पायी थी इस भारी वर्षा ने जनता की कमर तोड़ दी है। इस भारी नुकसान से राहत के नाम पर जो मुआवजा सरकार द्वारा दिया जा रहा है वह बहुत कम व हास्यापद है साथ ही नुकसान/जनहानि की गम्भीरता से जांच नहीं करायी गयी जिस कारण अधिकांश जनता राहत/मुआवजा न मिलने के कारण अपने नुकसान की भरपाई नहीं कर पायी है जो चिन्तनीय है।
श्री कर्नाटक ने कहा कि सरकार द्वारा मुआवजे के रूप में जो धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है वह बहुत कम है। सरकार द्वारा मानकों के अन्तर्गत उपलब्ध करायी जा रही एक लाख की धनराशि से क्षतिग्रस्त मकान पुनः नहीं बनाये जा सकते, इसी प्रकार आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान रू. पचास हजार में ठीक नहीं कराये जा सकते हैं। अतिवृष्टि/दैवी आपदा से हुये नुकसान/जनहानि के लिये सरकार को जनपद स्तर पर कमेटी बनाकर लोगों के नुकसान की जांच करायी जानी चाहिये तथा सभी पीड़ितों को मानकों को शिथिल करते हुये यथेष्ट धनराशि उपलब्ध करायी जानी चाहिये ताकि नुकसान की भरपाई हो सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य व केन्द्र में भाजपा की सरकार है। अतः असंवेदनशील मानकों को तत्काल बदला जाय व चल-अचल सम्पत्ति, जनहानि के लिये पर्याप्त राहत धनराशि उपलब्ध करायी जाय ताकि जनता अपने नुकसान की भरपाई कर पुनः अपना जीवन यापन कर सके। श्री कर्नाटक ने मुख्यमंत्री से मांग की कि केन्द्र सरकार से सम्पर्क कर मानकों को बदलने की प्रक्रिया तत्काल अमल में लाये जाने के लिये शासन स्तर पर अधिकारियों को निर्देश निर्गत किये जाय।