देहरादून। ऊर्जा निगम में अधिशासी अभियंता के पद बड़ी संख्या में खाली रहने पर उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने नाराजगी जताई। एसोसिएशन अध्यक्ष आनंद सिंह रावत ने कहा कि न सहायक अभियंताओं की वरिष्ठता निर्धारित की जा रही है। न ही वरिष्ठता निर्धारण के बाद ईई के खाली पदों पर प्रमोशन किए जा रहे हैं। प्रमोशन न होने के कारण यूपीसीएल के कई कई डिवीजनों का जिम्मा एक ही अधिशासी अभियंता के पास है। इसका सीधा असर विभाग के कामकाज पर पड़ रहा है।
अध्यक्ष आनंद सिंह रावत ने कहा कि पहले दौर का आंदोलन समाप्त हो चुका है। जल्द दूसरे चरण के आंदोलन का ऐलान किया जाएगा। कहा कि एक दशक से ऊर्जा निगम में अधिशासी अभियंता के खाली पदों पर प्रमोशन नहीं हुए हैं। जबकि 40 के करीब पद खाली पड़े हैं। समय पर प्रमोशन न होने से इंजीनियरों के भविष्य में दूसरे पदों पर होने वाले प्रमोशन भी प्रभावित होंगे। उन्हें वित्तीय नुकसान होगा। इसके साथ ही प्रमोशन न होने से खुद यूपीसीएल मैनेजमेंट को नुकसान हो रहा है। प्रदेश में यूपीसीएल के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। डिवीजनों में अधिशासी अभियंता के पद प्रभारी व्यवस्था में चलने से उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान भी समय पर नहीं हो पा रहा है।
महासचिव पवन रावत ने कहा कि सहायक अभियंता पद पर वरिष्ठता निर्धारित करने में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट वरिष्ठता निर्धारण को लेकर स्पष्ट आदेश दे चुका है। इसके बाद भी वरिष्ठता निर्धारण पर फैसला न कर पूरे मामले को लटकाया जा रहा है। इससे बेवजह का विवाद खड़ा किया जा रहा है। जल्द वरिष्ठता निर्धारण, प्रमोशन न होने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।