देहरादून। राज्य में सख्त वित्तीय प्रबंधन का असर दिखने लगा है। पहली बार राज्य में विकास कार्यों के लिए तय बजट का सर्वाधिक इस्तेमाल हुआ है। पूंजीगत मद में सितंबर अंत तक राज्य ने 4798 करोड़ रुपये खर्च कर लिए हैं। जबकि पिछले साल इस अवधि में साल आधे से भी काफी कम बजट खर्च हो पाया था।
शनिवार को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में मीडिया के साथ प्रदेश की वित्तीय स्थिति और नई उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि सीएम पुष्कर धामी के निर्देश पर वित्त विभाग ने कई नए कदम उठाए हैं। वित्तीय प्रबंधन के लिए राज्य ने कई नियमों को सरल किया और सख्त अनुशासन भी लागू किया। छह महीने के भीतर पूंजीगत बजट में खर्च में रिकार्ड वृद्धि इसकी कामयाबी को साबित करती है। आने वाले महीनों में बजट के शत प्रतिशत उपयोग के लिए प्रयास किए जाएंगे। साल के अंत में बजट खपाए जाने की परंपरा पर उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। समयबद्ध तरीके से बजट का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य को 22 हजार 737 करोड़ रुपये की राजस्व आय हासिल हो चुकी है। इस दौरान अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, बजट अधिकारी मनमोहन मैनाली भी मौजूद रहे।
रिकार्ड छूआ:
वर्ष 2019-20 में पहली छमाही में 1695 करोड़, वर्ष 2020-21 में 1082 करोड़, वर्ष 2021-22 में 2805 करोड़, वर्ष 2022-23 में 2138 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए थे। इस साल 2023-24 में रिकार्ड बढोत्तरी होते हुए यह राशि 4798 करेाड़ रुपये हो गई है। मालूम हो कि इस वर्ष आम बजट में पूजीगत मद में बजट की राशि 13 हजार करोड़ रुपये रखी गई थी। अनुपूरक बजट आने के बाद यह राशि 16 हजार करोड़ हो गई है।