नैनीताल(आरएनएस)। हाईकोर्ट ने सरकारी विभागों में उपनल के द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से केवल पूर्व सैनिकों के आश्रितों को नियुक्ति देने ने खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार समेत उपनल को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अमित खोलिया ने जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें कहा कि वर्तमान समय में सरकारी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति उपनल के माध्यम से की जा रही है। इसमें उपनल के द्वारा पूर्व सैनिकों के आश्रितों को ही शामिल किया जा रहा है। जिस कारण बेरोजगारों का एक बड़ा तबका रोजगार से वंचित हो रहा है। वर्तमान समय में राज्य के रोजगार कार्यालयों में लगभग 16 लाख शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं। जब से उपनल के माध्यम से सरकारी विभागों में आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्ति की जा रही है तब से रोजगार कार्यालय में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों को सरकारी सेवा करने से वंचित होना पड़ रहा है। जो संविधान के समानता के अधिकार का उल्लंघन है। जनहित याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया कि उपनल को सभी बेरोजगारों के लिए खोलने के लिए निर्देशित किया जाए। जिसमें पूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए आरक्षण निर्धारित कर लिया जाए और उपनल को कुछ ही अभ्यर्थियों तक सीमित न किया जाए। इससे रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों को इन नियुक्तियों से वंचित न होना पड़े।