देहरादून(आरएनएस)। नियमितीकरण, समान कार्य समान वेतन, मानदेय में 20 प्रतिशत बढोत्तरी और कोविडकाल में शहीद सफाई कर्मचारियों के आश्रित को 10-10 लाख रुपये समेत विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को उपनल और सफाई कर्मचारी सड़कों पर उतर आए। परेड मैदान से कूच करते हुए सचिवालय पहुंचे कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी के साथ जोरदार प्रदर्शन किया और बाहर सड़क पर धरना देकर बैठ गए। दोनों संगठनों ने एकसुर में कहा कि मांग न माने जाने तक सचिवालय के बाहर से धरना जारी रहेगा। हालांकि अपराह़न तीन बजे के करीब सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी ने आंदोलित कर्मचारियों के साथ वार्ता कर उन्हें मनाने का प्रयास भी किया। दोनों संगठनों के कर्मचारी सुबह से ही परेड मैदान में जुटना शुरू हो हो गए थे। करीब बाहर बजे उन्होंने परेड मैदान से सचिवालय के लिए कूच किया। लैंसडौन चौक, राजपुर रोड होते हुए ग्लोब चौक से होते हुए कर्मचारी दोपहर डेढ़ बजे के करीब सचिवालय पहुंचे। वहां बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस ने पहले ही बैरीकेडिंग लगाते हुए वाटर कैनन भी तैनात कर दी थी। कर्मचारी पुलिस से सीधा भिड़ने के बजाए वहीं सड़क पर धरना देकर बैठ गए। उन्होंने कहा कि यदि आज उनकी मांग पर आदेश नहीं हुआ तो शाम पांच बजे बाद बैरेकेडिंग तोड़कर सचिवालय में घुस जाएंगे।
उपनल कर्मचारी महासंघ के पदाधिकार विनोद गोदियाल, विनय प्रसाद, महेश भट्ट, सफाई मजदूर संघ के प्रदेश प्रभारी विशाल बिरला ने सभी सरकारों को कठघरे में करते हुए कहा कि कोई भी अस्थायी कर्मचारियों को पीड़ा को नहीं समझ रहा है। पशुओ, फसलों तक को बीमा सुरक्षा मिलती है, लेकिन गरीब इंसान की कोई सुनवाई नहीं है। इस बार आरपार की लड़ाई लड़ने का मन बनाकर आए हैं। जब तक मांग नहीं मानी जाती तब तक कोई कर्मचारी सचिवालय के बाहर से घर नहीं जाएगा। नेताओं के भाषण के दौरान कर्मचारी भी पूरे जोश के साथ सभी की हौंसला अफजाई करते रहे। शाम करीब तीन बजे सैनिक कल्याण सचिव ने आंदोलनकारियों में पांच लोगों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया। देर शाम तक वार्ता जारी थी।