विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा ने प्रदेश सरकार से सहकारी बैंक भर्ती घपले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है। कहा कि हाईकोर्ट पहले ही सरकार को मामले की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दे चुका है। यही नहीं सूचना आयोग भी इस मामले में कड़ी टिप्पणी कर चुका है। बावजूद सरकार सीबीआई जांच कराने से कतरा रही है। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सहकारी बैंक भर्ती घपले की जांच रिपोर्ट न्यायालय के निर्देश पर शासन ने न्यायालय के समक्ष पेश की। जिसका परीक्षण करने के बाद न्यायालय ने भी सीबीआई जांच कराने के लिए सरकार को निर्देश दिए, लेकिन सरकार इस मामले में पूरी तरह से खामोश है। नेगी ने कहा कि जांच समिति ने 20 जून 2022 को जिला सहकारी बैंक, देहरादून की रिपोर्ट, 2 सितंबर 2022 को पिथौरागढ़ सहकारी बैंक एवं 26 सितंबर 2022 को ऊधम सिंह नगर की जांच रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी थी। सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश के सहकारी बैंकों में 423 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती कराई गई थी, जिसमें देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और ऊधमसिंह नगर में बड़े पैमाने पर जालसाजों ने भर्ती घपले को अंजाम दिया था, जिसको लेकर सरकार ने एक अप्रैल 2022 को जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए थे। नेगी ने आरोप लगाया है कि उक्त भर्तियों में एक पद 10 लाख से लेकर 15 लाख रुपए तक में बेचा गया था, जिसकी पुष्टि जालसाजों और नौकरी पाए अभ्यर्थियों के बैंक खातों में हुए लेनदेन की जा सकती है। इन घपलेबाजों ने अपने रिश्तेदारों के साथ- साथ बैंक में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों के रिश्तेदारों, परिजनों से मोटी रकम हासिल कर नौकरियां बांट दी थीं। इस मौके पर मो.असद और प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद रहे।