देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स संगठन ने राशिकरण की सुविधा बहाल न होने पर नाराजगी जताई। संगठन की सोमवार को संघ भवन में हुई बैठक में तत्काल राशिकरण की सुविधा बहाल किए जाने की मांग की गई। चेतावनी दी कि यदि जल्द राशिकरण की सुविधा बहाल न होने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता करते हुए संयोजक चंद्र प्रकाश ने कहा कि राशिकरण की सुविधा बहाल किए जाने को राशिकरण निवारण को सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। ये समिति राशिकरण की सुविधा बहाल किए जाने को रणनीति तैयार कर रही है। सरकार से यही मांग है कि रिटायरमेंट के समय पर मिलने वाली राशिकरण की सुविधा को बहाल किया जाए। रिटायरमेंट पर राशिकरण के रूप में एकमुश्त पैसा उपलब्ध कराया जाता था। बाद में इस पैसे को किश्तों में कर्मचारी वापस जमा कराते थे। ऐसे में रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को एक बड़ी राहत मिलती थी। इसका इस्तेमाल रिटायरमेंट के बाद के अपने दायित्वों को पूरा करने में किया जाता था।
अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह कृषाली ने कहा कि यदि शासन स्तर से जल्द निस्तारण नहीं निकाला जाता है, तो इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। बैठक में रमेंद्र सिंह पुंडीर, एमएस गुसाईं, कुसुमलता शर्मा, हृदयराम सेमवाल, चंद्रमोहन उनियाल, मोहन सिंह रावत, सोहन सिंह नेगी, हरीश चंद्र सब्बरवाल आदि मौजूद रहे।