रावण ने तपस्या कर पाया शिव जी से वरदान, रामजन्म के साथ हुई कर्नाटक खोला की रामलीला प्रारम्भ

अल्मोड़ा। श्री कर्नाटक खोला रामलीला कमेटी में रविवार को रामधुन और सरस्वती वंदना के साथ रामलीला का शुभारंभ किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता उमेश बौनी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में मंजू राणा उपस्थित रही। रविवार प्रथम दिवस की रामलीला के मुख्य आकर्षण रावण, कुम्भकरण, विभीषण की तपस्या, देवों के देव महादेव से वरदान प्राप्त करना, नारद मुनि के कहने कर शिव के धाम कैलाश को लंका ले जाने का प्रयास करने पर शिव का क्रोधित होना, राजा दशरथ द्वारा किये गये यज्ञ के प्रताप से राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का जन्म, राजा जनक के हल चलाने से सीता जन्म, इनके जन्म की प्रसन्नता पर सुन्दर मंगलगीतों का गायन, देवगणों द्वारा स्तुति आदि प्रस्तुतियां दी गई। दशानन रावण के किरदार में वरिष्ठ रंगकर्मी बिट्ट् कर्नाटक, कुम्भकरण के किरदार को सन्तोष जोशी, विभीषण के किरदार को भुवनेश काण्डपाल, शिव के किरदार को एस. एस. कपकोटी, पार्वती के किरदार को नेहा जोशी, नारद के किरदार को अमर बोरा, जनक के किरदार को अशोक बनकोटी, दशरथ के किरदार को अभिषेक नेगी ने निभाया। लता नैनवाल ने कौशल्या के रूप में, कैकेई के रूप में हिमांशी अधिकारी, सुमित्रा के रूप में मेघा काण्डपाल ने खूब तालियां बटोरी। रामजन्म पर रीता पाण्डेय, पारू उप्रेती,आशा मेहता, मीना भट्ट, रेखा जोशी ने मंगलगीत गाए। देवगणों का किरदार मीनाक्षी, मेघना, वैष्णवी, भूमिका, कशिश, नब्या, रक्षिता, पायल, निशा ने निभाया। मुनियों के वेश में तनोज कर्नाटक, कमल जोशी, रावण दूत के रूप में भुवनेश काण्डपाल, अनिल जोशी तथा ब्रह्मा के रूप में सुनीता पालीवाल मंच पर नजर आए। दशानन रावण के किरदार को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे। रावण के संवाद लाउडस्पीकरों के माध्यम से पूरे इलाकों में गूंजते रहे जिनका दर्शकों ने जमकर लुत्फ उठाया। हल्की ठंड के बाबजूद दर्शक अपनी जगह पर डटे रहे। मंच पर पड़ने वाली लाईट और प्रोजेक्टर की कलाकारी भी काफी आकर्षण का केन्द्र रही जिसका संचालन विधिवत रूप से डॉ. करन कर्नाटक ने किया। रामलीला का प्रसारण फेसबुक लाईव के माध्यम से भी किया गया। मंच व्यवस्था में मुख्य रूप से देवेन्द्र प्रसाद कर्नाटक, अखिलेश थापा, त्रिभुवन अधिकारी, रमेश जोशी, हेम पांडे, हेम जोशी, गौरव कांडपाल, भुवन चंद्र कर्नाटक, हंसा दत्त कर्नाटक, लीलाधर कांडपाल, पूरन चन्द तिवारी, एम.सी.कांडपाल, राजीव कर्नाटक, दीपांशु पांडे आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गीतांजलि पांडे द्वारा किया गया।