अल्मोड़ा। वर्तमान में कोविड कर्फ्यू चल रहा है और पुलिस प्रशासन कोरोना दिशानिर्देशों का पालन कराने को मुस्तैद नजर आ रही है। लेकिन इसी बीच अल्मोड़ा में एक मामला चर्चाओं में है। हुआ यूं कि अल्मोड़ा में एक युवक ने न्याय देवता चितई गोलू देवता के मंदिर में अर्जी लगाई है कि युवक का पुलिस ने साढ़े सोलह हजार का चालान कर दिया। युवक ने अर्जी से संबंधित पोस्ट भी फेसबुक पर डाली है। फेसबुक में की गई पोस्ट में उक्त युवक दीपक सिराड़ी ने कहा कि वह गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है और एक होटल में बर्तन मांज कर परिवार की आजीविका चलाता है। होटल में उसे मात्र 2500 रुपए प्रति महीने तनख्वाह के रूप में मिलते हैं और 2 माह से काम भी नहीं है। कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों ने उसका व्यवसाय भी छीन लिया है और इस लॉकडाउन से वह बहुत ज्यादा तनाव में है और लॉकडाउन के कारण वह अपने परिवार का भरण पोषण करने में असमर्थ हो गया है। दीपक सिराड़ी ने फेसबुक में की गई पोस्ट में कहा कि 25 मई की सुबह से ही उसकी तबीयत कुछ खराब लग रही थी और उसके बाद उसने अपने पड़ोस के एक साथी से उसकी बाइक मांगी और अल्मोड़ा चिकित्सालय में खुद को दिखाने चला गया।
कुछ देर बाद उसके घर से फोन आया कि पड़ोस में आमा का स्वास्थ्य अचानक से खराब हो चला है और उसे जल्दी पर आने को कहा गया। दीपक ने कहा कि इसके बाद जल्दी में बाइक लेकर वह दवा लेकर घर की ओर आने लगा। इस जल्दबाजी में हेलमेट न पहनने की भूल हो गई। उसने आरोप लगाया कि इसी बीच होटल शिखर के पास उसे पुलिस कर्मियों ने बुरी तरह जलील किया गया जैसे कि बहुत बड़ा अपराधी हो। दीपक ने आरोप लगाया कि उसने पुलिसकर्मियों के आगे हाथ जोड़ते हुए बार बार गुहार लगाई कि उसे छोड़ दो। उसने बताया कि इसके बाद बाइक को सीज कर दिया गया और साथ ही इतनी सारी धाराएं लगाई गई कि व देखकर हैरान रह गया।
आरोप लगाया कि इनमें से कई धाराएं ऐसी थी जो कि बिल्कुल बेबुनियाद थी और उसने उन धाराओं का उल्लंघन भी नहीं किया था, परन्तु पुलिस प्रशासन द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए उसके साथ गलत व्यवहार करने के बाइक को सीज कर दिया गया। दीपक ने मांग करी कि शिखर के पास के सीसीटीवी की जांच की जाय कि जो खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने का आरोप लगा है वह गलत है।
दीपक ने कहा है कि वह सभी से हाथ जोड़कर न्याय की गुहार लगा रहा है और वह और उसकी माँ दोनों इस घटना के कारण तनाव में है और गाड़ी छुड़ाने के लिये किया गया जुर्माना वह नहीं चुका सकता है।