रुड़की। नगर निगम में वार-पलटवार जारी है। अब पार्षदों ने निवर्तमान मेयर पर निशाना साधा है। कहा कि वह रणछोड़कर बीच में ही चले गए। सिविल लाइंस में पत्रकार वार्ता में पार्षद विवेक चौधरी ने कहा कि राजनीति में हमेशा विपक्ष होता है। इसका सामना राजनीति में करना होता है। ऐसा कहना गलत है कि विपक्ष से परेशान होकर गौरव गोयल ने मेयर पद से इस्तीफा दिया। कहा कि उनके खिलाफ जांचें चल रही थी। दावा किया कि जिसमें भ्रष्टाचार की पुष्टि हो गई थी और उनके ऊपर कारवाई तय थी। एक अगस्त को मामले में अंतिम सुनवाई थी। बर्खास्तगी तय थी इससे पहले उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया। यह पूर्व नियोजित था। आपदा के समय जब मुख्यमंत्री से मंत्री तक लगातार लोगों के बीच थे। वहीं मेयर स्वयं को बचाने के प्रयासों में जुटे थे। उन्हें डर था कि कहीं उनके ऊपर चुनाव लड़ने पर छह साल का प्रतिबंध न लग जाए। पार्षदों ने कहा कि माहपौर छोटी सी छोटी चीज को सोशल मीडिया पर प्रसारित करते हैं तो आपदा के समय की कोई फोटो, वीडियो उन्होंने अपलोड नहीं की। उन्होंने कहा कि पार्षदों ने उनका विरोध जनता के हितों की लड़ाई लड़ने के लिए किया। पार्षद चंद्रप्रकाश बाटा को मेयर की कुर्सी पर बैठाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेयर ने बोर्ड बैठक बुलाई थी। बैठक की उपस्थिति रजिस्टर में पार्षदों के हस्ताक्षर हो गए थे। लेकिन मेयर अपने कक्ष से बैठक में नहीं आए। पार्षदों की सहमति और बहुमत के साथ एक सदस्य के नाम को फाइनल किया और नियमानुसार उन्हें कुर्सी पर बैठाया। कुलदीप तोमर ने कहा कि गौरव गोयल पत्रकार वार्ता कर गलत आरोप लगा रहे हैं। संजीव तोमर ने कहा कि गौरव गोयल के पास साक्ष्य हैं तो सामने लाएं। धीरज पाल ने कहा कि मेयर चुने जाने के बाद उन्होंने रण बीच में छोड़ दिया। इस दौरान जेपी शर्मा, मांगेराम चौधरी आदि मौजूद रहे।