हल्द्वानी(आरएनएस)। राज्य में खनन कार्य व वाहनों की फिटनेस निजी हाथों में देने का विरोध थम नहीं रहा है। गुरुवार को गौला खनन संघर्ष समिति ने बैठक की। अध्यक्ष पम्मी सैफी ने कहा कि पहले फिटनेस निजी क्षेत्र में देना और अब खनन को निजी क्षेत्र में देने की तैयारी करना साफ दिखाता है कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अकेले गौला नदी से ही सरकार को 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। इसमें न कोई चोरी है न ही अवैध खनन होता है। उसके बावजूद सरकार क्यों चाहती है कि खनन निजी कंपनी कराए? खनन कारोबारियों अरशद अय्यूब, मनोज मठपाल, रमेश जोशी, जीवन कबड़वाल, इंदर सिंह बिष्ट, राजेंद्र बिष्ट, भास्कर जोशी, इंदर नयाल ने कहा कि सरकार को अपने निर्णय वापस लेने चाहिए अन्यथा खनन कारोबारी विरोध करेंगे।