अल्मोड़ा। लैंगिक अपराध के एक मामले में विशेष न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला द्वारा अभियुक्त को धारा 457 में 1 वर्ष का साधारण कारावास तथा 500 रु० के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है, एवं पास सपठित धारा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत 3 वर्ष का साधारण कारावास व 1000 (एक हजार) रू० का अर्थदण्ड तथा अर्थदण्ड अदा न करने पर 1 माह का साधारण कारावास से दंडित किया गया है।
मामला 09 जनवरी 2022 का है जब शाम को पीड़िता अपने कमरे से किचन में अपने भाई की दवा लेने के लिए गयी थी तो अभियुक्त ने किचन में आकर पीड़िता से गलत हरकत करने का प्रयास करने लगा तो पीड़िता जोर जोर से चिल्लाने लगी और उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर पीड़ित की माँ मौके पर आई तो अभियुक्त यहाँ से भाग गया। अभियुक्त को गाँव के तीन-चार लोगों ने पकड़ा लिया गया था। पीड़िता की माता द्वारा उक्त घटना की एक तहरीर थाना सोमेश्वर जिला अल्मोड़ा को दी। उक्त रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त को गिरफतार कर जेल भेजा गया। विवेचना अधिकारी द्वारा विवेचना पूर्ण कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इस मामले का विचारण विशेष सत्र न्यायाधीश, अल्मोड़ा के न्यायालय में चला। इस मामले में अभियोजन की ओर से आठ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित किया गया तथा अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा द्वारा मामले में सबल पैरवी की गई तथा दस्तावेजी साक्ष्य भी न्यायालय में प्रस्तुत किये गये। विशेष सत्र न्यायाधीश, अल्मोड़ा द्वारा पत्रावली पर मौजूद मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्यों का परिशीलन कर धारा 457 ताहि में 1 साल का साधारण कारावास से दंडित किया गया है एवं धारा-7 सपठित धारा-8 लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 1,000/ हजार रूप का अर्थदण्ड तथा अर्थदण्ड अदा न करने पर 1 माह का साधारण कारावास से दंडित किया गया है। अर्थदण्ड के एवज में दी गई सजा के अतिरिक्त अन्य दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।