अल्मोड़ा। संसाधन पंचायत संगठन ने बिनसर अभ्यारण्य से प्रभावित गांवों में जंगली जानवरों के बढ़ते आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। सोमवार को डोटियाल गांव, भेटुली, सुनौली व कुमसाऊ गांव के संगठन से जुड़े ग्रामीणों ने रेंज कार्यालय बिनसर गेट पहुंचकर वन क्षेत्र अधिकारी मनोज सनवाल को समस्याओं से अवगत कराया तथा उन्हें प्रमुख वन संरक्षक तथा प्रभागीय वन अधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंपा। प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव उत्तराखंड को संबोधित ज्ञापन में बिनसर में दिखाई दे रहे टाइगर को पकड़ने की मांग की गई है, जबकि प्रभागीय वन अधिकारी को संबोधित ज्ञापन में सुअरों व बंदरों से फसल सुरक्षा के साथ ही गांव में स्वच्छंद घूम रहे तेंदुओं को पकड़ने हेतु पिंजरा लगाने की मांग की है। ज्ञापन में कहा है कि बिनसर में बाघ की मौजूदगी की खबरों से ग्रामीण दहशत में है। अभ्यारण्य प्रशासन का मानना है कि संभवतया यह बाघ कार्बेट टाइगर रिजर्व रामनगर से भटक कर यहां पहुंचा हैं, जबकि ग्रामीण इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं, उन्हें आशंका है कि यह बाघ बाहर से लाकर यहां छोड़ा गया है। ग्रामीणों कहना है कि जंगल में बाघ के आगमन के चलते तेंदुए आबादी की तरफ आ रहे हैं, इससे ग्रामीण भय के साए में जीने को विवश हैं। बच्चों का विद्यालय जाना कठिन हो रहा है, महिलाएं खेत व जंगल से चारा लाने में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। यहाँ ज्ञापन देने वालों में संसाधन पंचायत से जुड़े रेखा नगरकोटी, तारा नगरकोटी, ईश्वर जोशी, गोविंदी देवी, प्रेमा देवी, देवकी देवी, रेवती देवी, सीमा देवी, नीमा, पुष्पा, पूरन सिह, हेमंत कुमार, चंदन सिंह, रमा देवी, हंसी, गीता, बसंती देवी, ममता देवी, लता रौतेला आदि उपस्थित रहे।