अल्मोड़ा। क्षेत्र पंचायत समिति ताड़ीखेत की बैठक में ग्रामीणों क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों की उपेक्षा पर पंचायत प्रतिनिधियों ने कड़ा आक्रोश प्रकट किया। कहा कि कई स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों के लिए पानी तक के इंतजाम नहीं हैं। इसके अलावा ग्रामीण स्तर की कई अन्य मूलभूत समस्याएं भी छाई रहीं। मुख्य विकास अधिकारी ने ग्रामीणों की समस्याओं के निस्तारण के लिए दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य और उद्यान विभाग के शिविर लगाने के निर्देश दिए। ताड़ीखेत ब्लॉक सभागार में शुक्रवार को ब्लॉक प्रमुख हीरा रावत की अध्यक्षता में बीडीसी बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रूप से स्वास्थ्य, पेयजल, कृषि आदि से जुड़े मुद्दे प्रमुखता से उठे। पंचायत प्रतिनिधियों ने समस्याओं का लंबे समय से निस्तारण नहीं होने पर कड़ी नाराजगी का भी इजहार किया। नौबा के बीडीसी सदस्य गणेश राम ने चमड़खान स्वास्थ्य केंद्र में पेयजल की समस्या उठाते हुए कहा कि बड़े इलाके के एकमात्र स्वास्थ्य केंद्र में पानी न होने से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं, चौना पाखुड़ा में स्वास्थ्य केंद्र की बारिश में टपकती छत का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया। जैनोली के बीडीसी सदस्य त्रिभुवन फर्त्याल ने कहा कि सरकार की लापरवाही से 50 प्रतिशत विकलांगता वाले दिव्यांगों को नि:शुल्क रेल यात्रा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बीडीसी सदस्य अभिषेक बिष्ट सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों की कृषि, सड़क, पेयजल आदि से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। सीडीओ अंशुल सिंह ने स्वास्थ्य और उद्यान विभाग को रोस्टर के अनुसार दूरस्थ क्षेत्रों में कैंप लगाकर ग्रामीणों की समस्याओं का निदान करने को कहा। प्रमुख हीरा रावत ने भी विभागीय अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। बैठक का संचालन डीसी पांडे ने किया। यहां ज्येष्ठ उप प्रमुख मोहन सिंह नेगी, कनिष्ठ उप प्रमुख पुष्कर सिंह, डीडीओ केएन तिवाड़ी, सीएमओ डॉ. आरसी पंत, डॉ. डीएस नबियाल, डॉ. जयपाल सहित पंचायत प्रतिनिधि और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।