भू कानून लाने की दिशा में कार्य कर रही सरकार का जताया आभार

देहरादून(आरएनएस)। भू अध्यादेश अधिनियम अभियान उत्तराखंड के पदाधिकारियों ने भू कानून लाने के लिए कार्य कर रही सरकार का आभार जताया है। मुख्य संयोजक शंकर सागर ने बुधवार को प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हिमाचल के तर्ज पर उत्तराखंड में जल्द सख्त भू कानून लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि शुरू से ही लोगों की यह मांग रही है कि हिमाचल के तर्ज पर उत्तराखंड राज्य में सख्त भू कानून लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा, तिवारी सरकार ने कोशिश की थी हिमाचल के तर्ज पर भू कानून बनाने की। उन्होंने इसमें तीन सदस्यीय समिति बनाई। लेकिन इस समिति में से दो सदस्यों ने 500 वर्गमीटर प्रतिपरिवार बाहरी व्यक्ति अपने परिवार के लिए आवासीय प्रयोजन के लिए कृषि भूमि खरीद सकता है कि अनुशंसा की, बस यहीं से दुर्भाग्य शुरू हो गया। खंडूरी सरकार ने एक अध्यादेश निकाला जिसमें ये लिखा गया की राज्य के बाहर से कोई भी व्यक्ति स्वयं या अपने परिवार के लिए 250 वर्गमीटर कृषि योग्य भूमि को आवासीय प्रयोजन के लिए ले सकता है, यहां पर स्वयं शब्द की आढ़ में लोग परिवार के सदस्यों के नाम 1250 वर्गमीटर या इससे ज्यादा जमीन खरीदने लगे। बीच की सरकारों ने 2007 से लेकर 2017 तक खंडूरी सरकार के अध्यादेश को यूं ही चलने दिया। उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार के द्वारा जिलाधिकारियों व उप जिलाधिकारियों को 15 दिनों में स्वतः ही भूमि हस्तांतरित करने का अधिकार देने के निर्णय को गलत बताया। उन्होंने कहा कि पुष्कर सिंह धामी सरकार सुभाष कुमार की समिति के 23 बिंदुओं की रिपोर्ट (हिमाचल की तर्ज पर हो भू- कानून) की अनुशंसाओं को जस के तस अपना रहें। अन्य वक्ताओं ने भी भरोसा जताया कि जल्द राज्य का अपना भू कानून आने वाला है। इस दौरान दिनेश फुलारा, धना वाल्दिया, अशोक नेगी, आनंदी चंद, आनंद सिंह रावत, हंसा धामी, इंद्रदेव सती, सुभागा फर्सवाण, आचार्य प्रकाश पंत, कृष्णा बिज्लवाण आदि मौजूद थे।