अल्मोड़ा। मृतक राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को मुख्यमंत्री की घोषणा के डेढ़ वर्ष बाद भी पेंशन न मिल पाने समेत लंबित मांगों का निराकरण नही होने से राज्य आंदोलनकारी आक्रोशित है। नाराज आंदोलनकारियों ने शनिवार को गांधी पार्क में धरना प्रदर्शन किया। सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। निर्णय लिया गया कि आगामी 25 फरवरी से जनपद में रथ यात्रा निकालकर सरकार को चेताने का काम किया जाएगा। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि राज्य बनने के 23 वर्ष बाद भी राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य के विकास की दिशा दशा तय हो पाई और न ही राज्य आंदोलनकारियों को वह सम्मान राज्य में मिल रहा है, जिसके वे हकदार हैं। कहा कि वास्तविक आंदोलनकारी चिंहनीकरण के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। कहा कि मृतक राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को भी पेंशन का लाभ दिये जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा के डेढ़ वर्ष बाद भी पेंशन न मिल पाना राज्य आंदोलनकारियों के प्रति सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये को दर्शाता है। वक्ताओं ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को मिले क्षैतिज आरक्षण को रद्द करना और फिर उसे लटकाये रखना भी सरकार के उपेक्षित रवैया है। कहा कि आंदोलनकारियों को नाम भर को पेंशन दी जा रही है, वह भी 6-6 माह बिलंब से, जो परिवहन सुविधा दी गई है वह आधी अधूरी है, चिकित्सा सुविधा, बच्चों को शिक्षा सुविधा कागजों में दी गयी है। आंदोलनकारियों ने एक स्वर में लंबित मांगों के निराकरण की मांग की। यहां ब्रह्मानंद डालाकोटी, महेश परिहार, शिवराज बनौला, रघुनंदन पपनै, शंकर दत्त, दौलत सिंह बगड्वाल, दिनेश शर्मा, गोपाल सिंह बनोला, कैलाश राम, कुंदन सिंह, लक्ष्मण सिंह, पूरन सिंह, महेश पांडे, दीवान सिंह, कृष्ण चंद्र, बिशंभर पेटशाली, देवकी देवी, बचुली देवी, खष्टी देवी, तारा राम, सुंदर सिंह आदि मौजूद रहे।