देहरादून। कर्मचारी राज्य बीमा योजना के कर्मचारियों ने विभाग को सोसाइटी के दायरे में लाने का विरोध तेज कर दिया है। कर्मचारी अधिकारी, कर्मचारी राज्य बीमा योजना संयुक्त संघ ने सोसाइटी गठन का विरोध किया। सरकार से सोसाइटी गठन के बाद कर्मचारियों की सेवा शर्तों, सुविधाओं को लेकर स्थिति स्पष्ट किए जाने की मांग की। संघ की अनुराग नर्सरी कांवली में हुई बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि सोसाइटी का गठन कर कर्मचारियों के हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। ये साफ नहीं किया जा रहा है कि विभाग के तहत सोसाइटी बनाई जा रही है या सोसाइटी में ही विभाग का विलय किया जा रहा है। ये भी नहीं बताया जा रहा है कि विभाग और सोसाइटी साथ साथ काम करेंगे या विभाग समाप्त किया जा रहा है। स्थिति साफ न होने के कारण कर्मचारियों में डर का माहौल बना हुआ है। सभी कर्मचारियों की नियुक्ति राज्य सरकार की सेवा शर्तों के अधीन हुई है। सोसाइटी गठन के बाद कर्मचारियों को वेतन भत्ते, पेंशन, जीपीएफ, पेंशन, गोल्डन कार्ड का लाभ कैसे दिया जाएगा। सोसाइटी बनने के बाद कर्मचारियों को रखे जाने पर क्या पुरानी सेवा शर्तें ही लागू होंगी या सोसाइटी अपनी सेवा, शर्तें लागू करेगी, ये भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। ढांचे के तहत स्वीकृत पदों को रखे जाने का भी स्पष्ट उल्लेख नहीं है। ढांचे के पद सोसाइटी में रहेंगे भी या नहीं, ये भी तय नहीं है। कहा कि जब मौजूदा स्टाफ ने ही काम करना है, तो सोसाइटी गठन का क्या लाभ है। बेहतर होता की डिस्पेंसरियों का आधुनिकीकरण किया जाता। बैठक में डा. नेहा प्रिया, जगतराम थपलियाल, भूपेंद्र सिंह, कृष्ण किशोर जोशी, विनीत चौहान, धीराज राय आहुजा, दीपक राणा, बकरत अली, बबीता जगूडी, मार्तण्ड राज, प्रवीन उनियाल, दिनेश वर्मा, केके जोशी, गजेंद्र पाल आदि मौजूद रहे।
दूसरे राज्यों में फेल हुआ सोसाइटी मॉडल: संघ ने दूसरे राज्यों का हवाला देते हुए कहा कि अधिकतर स्थानों पर सोसाइटी मॉडल फेल साबित हुआ है। समय पर वेतन भुगतान तक नहीं होता है। सोसाइटी बना कर मृतक आश्रितों को अनुकंपा पर मिलने वाली नियुक्ति का लाभ नहीं मिलेगा। कर्मचारी संगठनों का प्रतिनिधित्व समाप्त हो जाएगा। सिर्फ संविदा, आउटसोर्स पर ही काम कराया जाएगा। नियमित नियुक्ति बंद हो जाएगी।