विकासनगर। कालसी स्थित अशोक शिलालेख को देखने आजकल दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल आदि कई प्रदेशों से बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। नये संसद भवन की आर्ट गैलरी में अखंड भारत के नक्शे में कालसी का नाम आने से अशोक शिलालेख को देखने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। यहां तक कि स्थानीय क्षेत्रवासी व जिले के लोग भी इसे देखने आ रहे हैं। कालसी स्थित अशोक शिलालेख का नाम नये संसद भवन की आर्ट गैलरी में अखंड भारत के नक्शे पर अंकित है। जिसके बाद अशोक शिलालेख और कालसी का नाम देश व दुनियां के सामने प्रसिद्धि पाये हुए हैं। स्थानीय निवासी सूरज तोमर, विजय कुमार, रेखा चौधरी, कृष्णपाल सिंह, चतर सिंह ने कहा है कि कालसी का नाम जिस प्रकार से भारतवर्ष में प्रसिद्ध हुआ है सरकार को कालसी शिलालेख को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए। अशोक शिलालेख के केयरटेकर जगदीश प्रसाद सेमवाल ने बताया कि पहले यहां पांच से दस पर्यटक आते थे, लेकिन जब से नये संसद भवन की आर्ट गैलरी में लगे नक्शे में कालसी का नाम आया है, तब से यहां रोज से सौ से अधिक पर्यटक इसे देखने आ रहे हैं। कहा कि पर्यटन विभाग व सरकार को चाहिए कि अशोक शिलालेख को आधुनिक सुविधाओं से जोड़े। यहां के रास्ते ठीक हों। तमाम तरह की सुविधायें उपलब्ध करायी जांय। जिससे यह पर्यटक स्थल के रूप में अधिक विकसित हो सके। कहा कि सुविधाओं से जुडने पर यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक बढ़ेगी। कहा कि जौनसार बावर के प्रवेश द्वार कालसी में होने यहां जो भी पर्यटक आयेंगे, वह जौनसार बावर की प्राकृतिक सौंदर्यता का लुत्फ उठाने के अन्य पर्यटक स्थलों की ओर रुख करेंगे। जिससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।