सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और सशक्त करने पर जोर

ऋषिकेश(आरएनएस)। लेखक ग्राम थानो में 25 अक्तूबर को होने वाले साहित्य, संस्कृति एवं कला महोत्सव से पूर्व दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में देश के साहित्यकार, विद्वान और संस्कृति प्रेमी एकत्र हुए। बुधवार को थानो में कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास और लेखक ग्राम द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है, जिसका शुभारंभ पूर्व निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. सविता मोहन ने किया। उन्होंने साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और सशक्त करने के महत्व पर प्रकाश डाला। कहा कि यह आयोजन उत्तराखंड की समृद्ध साहित्यिक धरोहर को जीवंत रखने और उभरते लेखकों को प्रेरित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. नंदकिशोर हटवाल ने हिंदी और भारतीय भाषाओं की वर्तमान स्थिति, उनके विकास और वैश्विक परिदृश्य में उनकी भूमिका पर गहन चर्चा की। प्रथम सत्र में हिंदी और स्थानीय भाषाओं के लेखकों की कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें रचनात्मकता और लेखन प्रक्रिया पर गहन मंथन हुआ। द्वितीय सत्र में समकालीन साहित्य और लेखन की नई संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। सत्रों के दौरान साहित्यप्रेमियों, कवियों और लेखकों ने सक्रिय भागीदारी की और रचनात्मक ऊर्जा का संचार देखा गया। डॉ. नंदकिशोर हटवान ने कहा कि 25 अक्तूबर को महा सम्मेलन में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत, अजय टम्टा आदि शिरकत करेंगे।