युवाओं पर लाठीचार्ज के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हरीश रावत की तबियत बिगड़ी

देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शुक्रवार को देहरादून में उत्तराखंड सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए अचानक बीमार पड़ गए। वह अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ राज्य के बेरोजगार युवाओं पर पुलिस के कथित लाठीचार्ज के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। एम्बुलेंस में डॉक्टरों की एक टीम ने उत्तराखंड के पूर्व सीएम की मेडिकल जांच की। हरीश रावत की सेहत पर अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। डॉक्टरों की ओर से रावत का हेल्थ अपडेट मिलने का इंतजार है।
मालूम हो कि उत्तराखंड में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ बेरोजगार युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। युवाओं के प्रदर्शन को रोकने के लिए देहरादून जिला प्रशासन ने शुक्रवार को परेड ग्राउंड के चारों ओर 300 मीटर के दायरे में धारा-144 लगाते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी। एक दिन पहले बेरोजगार युवाओं की पुलिस के साथ तीखी झड़पें हुई थीं। इसमें प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।
लाठीचार्ज किए जाने के कारण कुछ युवाओं को चोटें आई थीं। झड़पों में कुछ पुलिसवाले भी घायल हो गए थे। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरी घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश देते हुए मुख्य सचिव सुखबीर सिंह सन्धु से मामले की रिपोर्ट तलब की है। युवाओं के प्रदर्शन से गुरुवार को दिन भर देहरादून की कई सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही। युवा विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में कथित धांधलियों की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं। युवाओं का प्रदर्शन बुधवार से चल रहा है।
इस बीच युवाओं के आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सख्त प्राविधानों वाले उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को अनुमोदन देते हुए राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेज दिया है। इस अध्यादेश में नकल करने और नकल कराने वाले दोषियों के लिए आजीवन कारावास तक की सजा का प्राविधान किया गया है। यही नहीं 10 करोड रुपए तक के जुर्माने से लेकर भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक लगाने जैसी सख्त सजा का प्राविधान है।
यही नहीं कानून में अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित संपत्ति की कुर्की तक के सख्त प्राविधान हैं। इसमें अपराध को गैर जमानती बनाया गया है। सनद रहे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं से कहा था कि उनकी सरकार जल्द ही देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लाने वाली है। उन्होंने उनसे किसी के ‘बहकावे’ में न आने का आग्रह करते हुए कहा था कि उनकी सरकार युवाओं के हितों की रक्षा के लिए सजग है। किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।