वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देती हेमलता

अल्मोड़ा। राखी का त्यौहार आने वाला है और बाजार विभिन्न प्रकार की राखियों से सजी हुई है लेकिन शहर में एक महिला ऐसी भी है जो स्थानीय लोगों/महिलाओं के साथ मिलकर बाजार में आसानी से उपलब्ध सामग्री जैसे जूट, फैंसी रिबन आदि से हस्तनिर्मित राखियां बना रही है ये महिला है अल्मोड़ा की हेमलता भट्ट। हेमलता भट्ट रेडक्रॉस सोसाइटी की अल्मोड़ा में उपाध्यक्ष हैं तथा महिला बाल स्वास्थ्य सेवा समिति की अध्यक्ष भी हैं। हेमलता और उनकी समिति से जुड़े निर्मला, नीमा, सुनीता, कंचन, पूजा और वैभव ने मिलकर लगभग २००० राखियां बनाई हैं और इन्होने इन राखियों को हल्द्वानी, पिथौरागढ़, रानीखेत आदि क्षेत्रों में अपने परिचित एवं रिश्तेदारों को विक्रय हेतु भेजी हैं।

उनका कहना है कि कोरोना काल की वजह से हमें सही से प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाया नहीं तो समिति में अन्य महिलाओं को जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार का एक अवसर प्राप्त हो जाता साथ ही स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा मिलता। हेमलता ने जिलाधिकारी नितिन भदौरिया और मुख्य विकास अधिकारी को भी अपनी हस्त निर्मित राखियां बांधी। उन्होंने भी राखियों प्रशंसा की। समिति ने विशेष बहन (गुड़िया) राखी बनाई है जो पारम्परिक कुमाउँनी पिछौड़ा पहने हुए गुड़िया(बहनें) तथा रक्षासूत्र (कलावा) आदि से बनाई है. हेमलता बच्चों को रोजगार के साधन के रूप में पारम्परिक कुमाउँनी कला ऐपण भी सिखाती हैं। हेमलता को 2017 18 में महिला स्वास्थ्य में विशेष योगदान के लिए तीलू रौतेली पुरस्कार भी मिला है। हेमलता का यह प्रयास जो लोग स्थानीय उत्पाद और वोकल फॉर लोकल की सोचते हैं के लिए नजीर साबित हो सकता है।

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