देहरादून(आरएनएस)। सरकारी अस्पतालों में कार्यरत विशेषज्ञ डॉक्टर अब 65 साल की उम्र तक नौकरी कर सकेंगे। राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए कैबिनेट ने डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र 60 से बढ़ाकर 65 करने को मंजूरी दे दी है। हालांकि 65 साल में रिटायरमेंट की व्यवस्था वैकल्पिक होगी। मरीजों का इलाज करने की शर्त का पालन करने वाले डॉक्टरों को ही इसकी सुविधा दी जाएगी। 60 साल से अधिक उम्र के विशेषज्ञ डॉक्टर प्रशासनिक पदों पर भी तैनात नहीं हो पाएंगे। विदित है कि राज्य के अस्पतालों में लंबे समय से विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। लगातार नए डॉक्टरों के आने के बावजूद अभी तक इस समस्या का पूरी तरह समाधान नहीं हो पाया है। ऐसे में अब कैबिनेट ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र 60 साल से बढ़ाकर 65 करने को मंजूरी दी है। इससे राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को कुछ हद तक दूर किया जा सकेगा और मरीजों को इलाज की सुविधा मिलेगी। सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि राज्य में वर्तमान में 597 विशेषज्ञ डॉक्टर कार्यरत हैं और इनमें से मरीजों का इलाज करने के इच्छुक डॉक्टरों को ही 65 साल तक सेवा का अवसर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए रिटायरमेंट 65 साल में लेना अनिवार्य नहीं होगा। विदित है कि राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग में फैकल्टी की रिटायरमेंट की उम्र पहले से ही 65 साल है और अब कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग के लिए भी यह व्यवस्था बनाने की मंजूरी दे दी है।देहरादून(आरएनएस)। सरकारी अस्पतालों में कार्यरत विशेषज्ञ डॉक्टर अब 65 साल की उम्र तक नौकरी कर सकेंगे। राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए कैबिनेट ने डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र 60 से बढ़ाकर 65 करने को मंजूरी दे दी है।
हालांकि 65 साल में रिटायरमेंट की व्यवस्था वैकल्पिक होगी। मरीजों का इलाज करने की शर्त का पालन करने वाले डॉक्टरों को ही इसकी सुविधा दी जाएगी। 60 साल से अधिक उम्र के विशेषज्ञ डॉक्टर प्रशासनिक पदों पर भी तैनात नहीं हो पाएंगे।
विदित है कि राज्य के अस्पतालों में लंबे समय से विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। लगातार नए डॉक्टरों के आने के बावजूद अभी तक इस समस्या का पूरी तरह समाधान नहीं हो पाया है। ऐसे में अब कैबिनेट ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र 60 साल से बढ़ाकर 65 करने को मंजूरी दी है।
इससे राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को कुछ हद तक दूर किया जा सकेगा और मरीजों को इलाज की सुविधा मिलेगी। सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि राज्य में वर्तमान में 597 विशेषज्ञ डॉक्टर कार्यरत हैं और इनमें से मरीजों का इलाज करने के इच्छुक डॉक्टरों को ही 65 साल तक सेवा का अवसर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए रिटायरमेंट 65 साल में लेना अनिवार्य नहीं होगा। विदित है कि राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग में फैकल्टी की रिटायरमेंट की उम्र पहले से ही 65 साल है और अब कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग के लिए भी यह व्यवस्था बनाने की मंजूरी दे दी है।