विकसित कृषि संकल्प अभियान से गांवों में पहुंचा वैज्ञानिक खेती का संदेश

अल्मोड़ा। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा संचालित ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तेरहवें दिन संस्थान के वैज्ञानिकों की छह टीमों ने भिकियासैंण, ताड़ीखेत, ताकुला, हवालबाग, चौखुटिया और द्वाराहाट विकासखंडों के 31 गांवों का दौरा किया। इस दौरान लगभग 390 किसानों से सीधा संवाद स्थापित कर वैज्ञानिक खेती और स्थानीय कृषि समस्याओं पर व्यापक चर्चा की गई। अभियान के अंतर्गत आयोजित कृषक गोष्ठियों में किसानों को जलवायु-सहिष्णु कृषि तकनीकें, अधिक उत्पादन देने वाली फसली किस्में, रोग प्रबंधन उपाय, और कदन्न उत्पादन की आधुनिक विधियों से अवगत कराया गया। वैज्ञानिकों ने मिर्च, भिंडी, हल्दी, अदरक और गहत की उन्नत खेती, कृषि यंत्रों के उपयोग और मशरूम उत्पादन पर भी जानकारी दी। ताड़ीखेत में वैज्ञानिक के के मिश्रा द्वारा सब्जियों में कीट और रोग प्रबंधन का प्रत्यक्ष प्रदर्शन प्रस्तुत किया गया। खूंट, धामस और भांकर गांवों में मंडुआ की रोपाई का प्रदर्शन करते हुए किसान समस्याओं का समाधान किया गया। वहीं वैज्ञानिक कुशाग्र जोशी ने महिलाओं की मेहनत कम करने वाले उपकरणों की जानकारी दी और मिट्टी परीक्षण की महत्ता पर बल दिया। महिला समूहों द्वारा कीवी, कद्दू, मंडुआ से बने सूखे उत्पादों की बिक्री को लेकर भी जागरूकता देखी गई। ग्राम प्रधान रेखा देवी ने मशरूम उत्पादन में प्रशिक्षण की मांग की, जबकि महिला किसानों ने कदन्न और स्थानीय फलों से उत्पाद निर्माण में प्रशिक्षण की आवश्यकता जताई। कुछ किसानों ने मनरेगा के माध्यम से परती भूमि को फिर से उपयोग में लाने का सुझाव दिया, ताकि जल संरक्षण को बढ़ावा मिल सके और चीड़ के फैलाव पर नियंत्रण किया जा सके। इस अवसर पर किसानों को काले सोयाबीन और सोयाबीन बीज वितरित किए गए और लाइन बुवाई का प्रदर्शन भी किया गया। किसानों ने जंगली जानवरों से फसलों को हो रहे नुकसान, सिंचाई की कमी, नहरों की मरम्मत और सामुदायिक फेंसिंग की आवश्यकता जैसी समस्याओं से वैज्ञानिकों को अवगत कराया।