विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत किसानों से खेती में नवाचार और चुनौतियों पर हुई चर्चा

अल्मोड़ा। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के निदेशक डॉ. लक्ष्मीकांत के मार्गदर्शन में अल्मोड़ा और चमोली जिलों में संचालित विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को अभियान के आठवें दिन वैज्ञानिकों की तीन टीमों ने हवालबाग, ताड़ीखेत और भिकियासैंण विकासखंडों के 20 गांवों में 432 किसानों से संवाद किया। गोष्ठियों के दौरान किसानों को मिर्च, मंडुआ, चना, अदरक और हल्दी जैसी खरीफ फसलों की उन्नत खेती के तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी गई। वैज्ञानिकों ने बुवाई का समय, सिंचाई व्यवस्था, कीट प्रबंधन और रोगों से बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। किसानों को वैज्ञानिक तरीकों से खेती कर आजीविका को उद्यमिता में बदलने के लिए प्रेरित किया गया। ताड़ीखेत के प्रगतिशील किसान विजय पांडेय ने मिलेट हब की स्थापना और उत्पाद की ढुलाई के लिए रोपवे निर्माण का सुझाव दिया। धामस गांव के रणजीत सिंह ने तकनीकी प्रशिक्षण, सूचनाओं की समय पर उपलब्धता और बाजार से जुड़ाव पर बल दिया। गोष्ठियों के समापन पर आयोजित विचार-विमर्श सत्र में किसानों ने सिंचाई सुविधाओं की कमी, जल संचयन टैंकों की जरूरत, सब्जियों के विपणन में आ रही दिक्कतें, परिवहन की समस्याएं और नर्सरी लगाने के लिए पॉलीटनेल की अनुपलब्धता जैसे मुद्दे उठाए। साथ ही, पशुओं की देखभाल और रोग उपचार संबंधी चिंताओं को भी साझा किया गया।