देहरादून(आरएनएस)। वन अनुसंधान संस्थान यानी एफआरआई में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर जंगलों को आग से बचाने और जागरुकता के लिए सात भाषाओं की एक बुकलेट जारी की गई। फारेस्ट फायर रिसर्च और मैनेजमेंट पर आधारित इस पुस्तक में आग के कारण और निदान पर लोगों को जानकारी दी गई है। इस पुस्तक को हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में रिलीज किया गया। जिसमें स्कूली बच्चों की जागरूकता के लिए पोस्टर, बैनर, होर्डिंग्स, पत्रक और अन्य सामग्री शामिल है। वहीं बर्ड वाचिंग और पौध रोपण करके जैव विविधता दिवस भी मनाया गया। इसके लिए प्रतिभागियों को पक्षी अवलोकन और वनस्पति विज्ञान के लिए दो समूहों में विभाजित किया गया था। पक्षी अवलोकन समूह का मार्गदर्शन वन संरक्षण प्रभाग के प्रमुख डॉ अरुण प्रताप सिंह और पौधों की पहचान करने वाले समूह का मार्गदर्शन वनस्पति विज्ञान प्रभाग के वैज्ञानिक डॉ पीके वर्मा ने किया। इस अवसर पर पोस्टर प्रस्तुतिकरण का एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। जिसमें वन अनुसंधान विश्वविद्यालय के छात्रों और शोधार्थियों ने अपने पोस्टर प्रस्तुत किए। इस अवसर पर वन अनुसंधान संस्थान की निदेशक डॉ. रेणु सिंह ने कहा कि जैव विविधता संरक्षण प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मानव जाति के अस्तित्व से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि यदि जैव विविधता नहीं होगी तो इस ग्रह पर जीवन नहीं होगा। हमारे ग्रह की रक्षा के लिए जैव विविधता की रक्षा और संरक्षण करना सभी का नैतिक कर्तव्य है।