बागेश्वर(आरएनएस)। वन पंचायत सरपंच संगठन के जिलाध्यक्ष व वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अड़ोली निवासी 54 वर्षीय पूरन रावल का बीमारी के चलते शुक्रवार रात निधन हो गया। उन्होंने जिला अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनकी दोनों किडनियां लंबे समय से खराब हो गई थीं। उनके निधन पर विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने दुख जताया है।
वन पंचायत सरपंचच संगठन के जिलाध्यक्ष रावल पंचायती वनों के लिए वन अधिनियम की तर्ज वन पंचायत अधिनियम की मांग करते रहे। इसे लेकर जिले से लेकर प्रदेश तक आंदोलन में बढ़चढ़कर भाग लेते थे। वनों में आग बुझाने, धारे-नौले की सफाई करने, लोगों को पानी बचाने के लिए प्रेरित करने में भी वह आगे रहते थे। पिछले कुछ सालों से दिल्ली में उनका इलाज चलता था। शुक्रवार रात उनकी तबियत एकाएक बिगड़ गई। परिजन उन्हें जिला अस्पताल ले गए, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर वृक्ष पुरुष किशन मलड़ा, बागेश्वर की विधायक पार्वती दास, कपकोट के सुरेश गड़िया, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, पूर्व पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्र सिंह फर्स्वाण, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भगवत डसीला, पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण, राजेंद्र टंगड़िया, गोविंद भंडारी आदि ने दुख जताया है। पंचायती वन संघर्ष संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष रमेश पांडेय कृषक ने कहा कि रावल को वनों की बहुत चिंता रहती थी। उनके असमय जाने से उन्हें गहरा आघात पहुंचा है।
वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रावल का निधन
