अल्मोड़ा। आज उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों ने गांधी पार्क मे धरना दिया तथा राज्य आंदोलनकारियों की सरकार द्वारा की जा रही उपेक्षा के विरुद्ध सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। धरने के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया ज्ञापन मे सभी चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को 15000 रुपये मासिक पेंशन दिये जाने की मांग करते हुए वक्ताओं ने यह भी कहा कि जब आपातकाल के बन्दियों को राज्य सरकार 17000 रुपये मासिक पेंशन दे रही है तो राज्य निर्माण के लिए अपना सर्वस्य न्यौछावर करने वाले राज्य आंदोलनकारियों को नाममात्र की पेंशन दी जा रही है राज्य आंदोलनकारियों की इससे अधिक उपेक्षा क्या होगी कि पूर्व सरकारों द्वारा प्रदत्त क्षैतिज आरक्षण भी सरकार ने बन्द कर दिया है। इसी प्रकार राज्य आंदोलनकारियों को मिल रही परिवहन सुविधा केवल उत्तराखण्ड की सीमाओं के भीतर दिये जाने, 2 बच्चों के लिए दी जाने वाली निशुल्क शिक्षा सुविधा केवल राजकीय विद्यालयों तक सीमित रखने तथा चिकित्सा सुविधा भी केवल राजकीय अस्पतालों मे ही दिये जाने को भी राज्य आंदोलनकारियों का घोर अपमान बताते हुए उक्त सभी सुविधाओ को व्यवहारिक बनाये जाने की मांग की। इसके अलावा राज्य आंदोलनकारियों ने गैरसैण में राज्य आन्दोलन में शहीद आंदोलनकारियों की स्मृति मे शहीद स्मारक बनाये जाने तथा देहरादून व ऋषिकेश में स्थापित शहीद स्मारकों से छेड़छाड़ न कर देहरादून स्थित शहीद स्मारक में बने कक्षों में बाहर से आने वाले राज्य आंदोलनकारियों के रात्रि विश्राम की व्यवस्था भी किये जाने की मांग सरकार से की है। राज्य आंदोलनकारियों ने उनकी मांगों पर 9 नवम्बर स्थापना दिवस से पहले कार्यवाही न होने की स्थिति मे 9 नवम्बर को गांधी पार्क मे ही काला फीता बांधकर स्थापना दिवस मनाये जाने की घोषणा भी धरना स्थल पर की। धरने में आज केन्द्रीय उपाध्यक्ष उक्रांद व राज्य आन्दोलनकारी ब्रहमानंद डालाकोटी, जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला, रविन्द्र बिष्ट, जीवन सिंह बिष्ट, नवीन चन्द्र डालाकोटी, मोहन सिंह भैसोड़ा, हेम चन्द्र जोशी, गोपाल सिंह बनौला, जीवानंद पाण्डेय, शंकर दत्त, लछम सिंह, पुरन सिंह नगरकोटी, दिनेश शर्मा, दौलत सिंह बग्ड्वाल, कुन्दन सिंह, तारी राम, कैलाश राम, मदन राम, पदम् सिंह, रमेश सिंह, पूरन सिंह बनौला, दीवान सिंह सहित काफी संख्या में राज्य आंदोलनकारी सम्मिलित हुए।