देहरादून(आरएनएस)। ऊर्जा निगम में अधिशासी अभियंता के खाली पदों पर प्रमोशन को लेकर घमासान तेज हो गया है। पॉवर इंजीनियर्स और डिप्लोमा इंजीनियर्स ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पॉवर इंजीनियर्स ने जूनियर इंजीनियर संवर्ग के प्रमोशन की बजाय रिवर्ट किए जाने को दबाव बनाया। दूसरी ओर डिप्लोमा इंजीनियरों ने जल्द प्रमोशन न होने पर आंदोलन की चेतावनी नोटिस दे दिया है। उत्तरांचल पॉवर इंजीनियर्स एसोसिएशन के महासचिव राहुल चानना ने एमडी को भेजे पत्र में जूनियर इंजीनियरों के पूर्व में हुए प्रमोशनों पर सवाल उठाए। कहा कि जेई से एई के पद पर पदोन्नति कोटा 33.33 प्रतिशत रहा। यूपीसीएल में जूनियर इंजीनियरों को उस समय 40 प्रतिशत कोटे का लाभ दिया गया, जब ये नियम यूपीसीएल में लागू भी नहीं हुआ था। ऐसे में एक्सेस कोटे में जेई से एई पद पर पदोन्नत हुए जूनियर इंजीनियरों को तत्काल रिवर्ट किया जाए। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सीधी भर्ती के सहायक अभियंताओं के प्रशिक्षण समय को भी वरिष्ठता में जोड़ते हुए रोटा कोटा का लाभ देने के निर्देश दिए हैं। कहा कि यदि मैनेजमेंट ने किसी के दबाव में नियम विरुद्ध निर्णय लिया, तो आंदोलन तय है। दूसरी ओर उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को भी पत्र लिख भावी आंदोलन की सूचना दी। अध्यक्ष आनंद रावत ने कहा कि ऊर्जा निगम में राज्य विद्युत परिषद के समय से ही जेई से एई पद पर प्रमोशन का 40 प्रतिशत कोटा रहा। सरकारी विभागों में यही कोटा 50 प्रतिशत तक है। हाईकोर्ट के आदेश पर अधिशासी अभियंता के खाली पदों पर पदोन्नति सुनिश्चित की जाए। प्रमोशन में देरी पर प्रदेश स्तर पर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। एक अक्तूबर तक जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। तीन अक्तूबर को बैठक कर आंदोलन का ऐलान कर दिया जाएगा।