उन्नत कृषि उत्पादन तकनीकी से आय वृद्धि पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

अल्मोड़ा। उत्तराखंड के चमोली जनपद में कार्यरत जनमैत्री कल्पघाटी युवा समिति जोशीमठ के तत्वावधान में नाबार्ड द्वारा प्रायोजित उन्नत कृषि उत्पादन तकनीकी से आय वृद्धि विषय पर एक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भाकृअनुप.विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र हवालबाग में आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में चमोली जनपद के जोशीमठ विकास खंड के पाँच एफ़पीओ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी सहित कुल 26 लोगों ने प्रतिभागिता की। प्रशिक्षण कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों द्वारा किसानों को उनके क्षेत्रों में उत्पादित होने वाली प्रमुख फसलों की उत्पादन तकनीकी तथा उनके रोग एवं कीट प्रबन्घन की जानकारी दी गयी तथा किसानों को इन फसलों की खेती में आने वाली परेशानियों का निराकरण किया गया। प्रशिक्षणार्थियों को फसलों में उपयोगी जैव उर्वरकों की जानकारी भी दी गई। इसके अलावा कृषकों को कृषि कार्यो में प्रयुक्त होने वाले छोटे कृषि यंत्रों तथा विभिन्न फसलों की मढ़ाई और गहाई हेतु संस्थान द्वारा विकसित यंत्रों के बारे में भी जानकारी प्रदान की गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में आजीविका की अन्य विधाओं जैसे बेमौसमी सब्जी उत्पादन मौन पालन मशरूम उत्पादन आदि के विषय भी शामिल किए गए।
एफ़पीओ की कार्य प्रणाली और व्यापार योजना पर भी कृषि विज्ञान केंद्र अल्मोड़ा के प्राध्यापक डॉ0 आरपी सिंह नाबार्ड अल्मोड़ा के जिला प्रबन्धक गिरीश पंत और ग्रामीण व्यापार इनक्यूबेटर से योगेश भट्ट द्वारा जानकारी दी गई। औषधीय एवं सगंध फसल उत्पादन की जानकारी हेतु गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान का भ्रमण भी कराया गया।

कार्यक्रम का समापन करते हुए भाकृअनुप.विेवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ0 लक्ष्मी कान्त ने सभी प्रशिक्षणार्थियों का अभिनन्दन करते हुए उन्हें संस्थान के शोध कार्य और उसके अधिदेश के बारे में बताया। साथ ही संस्थान के ऐप फसल गुरु और कृषि समृद्धि की भी जानकारी दी। उन्होने सबका आह्वान किया कि वे संस्थान की नई तकनीकों को सीख उनका लाभ उठाने के साथ.साथ उसे अन्य किसानों को भी सिखायें। उन्होने अगले कार्यक्रमों में किसानो के लिए फलोत्पादन और पुष्पोद्पादन की जानकारी देने हेतु कहा। सभी किसान जब मिल कर आगे बढ़ेगे तभी क्षेत्र का विकास होगा।

प्रशिक्षणार्थियों द्वारा सम्पूर्ण कार्यक्रम को शिक्षाप्रद व सूचनात्मक बताया गया तथा कृषकों ने भविष्य में संस्थान में आकर विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहभागिता की इच्छा व्यक्त की। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ0 पंकज कुमार मिश्रा बृज मोहन पाण्डेय और कुशाग्रा जोशी द्वारा किया गया।