उत्तराखंड की जैविक बासमती, दाल मिलेट़स को खरीदेगा एनओसीएल

देहरादून(आरएनएस)।  जैविक खेती से जुड़े उत्तराखंड के किसानों को अपनी फसलों को बेचने के लिए ज्यादा मशक्कत न करनी पडेगी। जल्द ही प्रदेश सरकार केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के अधीन संचालित नेशनल कोऑपरेटिव आर्गनिक लिमिटेड(एनसीओएल) के साथ समझौता करने जा रही है। एनसीओएल राज्य के किसानों के जैविक उत्पादों को खरीदेगा। सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय सहकारिता एवं गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने यह जानकारी दी। जोशी ने बताया कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री एनसीओएल के माध्यम से जैविक उत्पादों को खरीदने के प्रस्ताव को सहमति दे दी है। जल्द ही एनसीओएल के साथ एमओयू किया जाएगा।  सोमवार को संसद भवन में शाह से मुलाकात के दौरान जोशी ने उन्हें बाबा केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति और राज्य के रेशम किसानों द्वारा निर्मित शॉल भेंट किया। जोशी ने गृह मंत्रालय द्वारा राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थिति के दृष्टिगत वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत बजट देने के लिए गृह मंत्री का आभार जताया।  जोशी ने बताया कि एनसीओएल ने पीजीएस प्रमाणित उत्पाद खासकर बासमती चावल, चौलाई, मिलेटस और दालों को खरीदने में रुचि दिखाई है। इसके लिए उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद और एनसीओएल के बीच औपचारिक एमओयू भी किया जाएगा। इसके बाद खरीद कीप्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।  जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आमदनी को बढ़ाने के संकल्प को साकार करने का काम कर रही है। एनसीओएल के साथ होने वाला एमओयू राज्य के किसानो के जैविक उत्पादों को सुनिश्चित बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।

उत्तराखंड में जैविक खेती:
उत्तराखंड जैविक उत्पाद बोर्ड के अनुसार वर्तमान में राज्य में 2. 20 लाख हेक्टेयर में आर्गनिक खेती की जा रही है। छोटे-बड़े करीब 4.75 लाख किसान इससे जुड़े हैं। पांच साल में प्रदेश में ऑर्गेनिक खेती का क्षेत्रफल 2.3 प्रतिशत बढ़कर 34 प्रतिशत हुआ है। हाल में केंद्र सरकार ने 6100 नए ऑर्गेनिक क्लस्टर बनाने की मंजूरी दे दी है। इससे राज्य में 50 फीसदी क्षेत्रफल आर्गनिक खेती में आ जाएगा।