नई टिहरी(आरएनएस)। शहीद स्मारक पर उत्तराखंड राज्य आंदोलन के शहीदों को बुधवार को स्थानीय लोगों और राज्य आंदोलनकारियों ने याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन के इन अमर शहीदों को भुलाया नहीं जा सकता है। शहीदों की याद में आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 1994 में दिल्ली जा रहे उत्तराखंड के 7 राज्य आंदोलनकारी रामपुर तिराहा गोली कांड में शहीद हुए। जिनमें टिहरी जनपद के राजेश नेगी, सूर्य प्रकाश थपलियाल, सतेंद्र चौहान, राजेश लखेड़ा, गिरीश भद्री, रविन्द्र रावत और अशोक कैशिव शामिल थे। इन शहीदों के अलावा सैकड़ों लोग जेल गये। अनेकों महिलाओं के साथ बदसलूकी हुई। राज्य के लिए यातना सहने वाले ऐसे शहीदों को भुलाया नहीं जा सकता है। इन शहीदों के बलिदान के चलते ही उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ। गोष्ठी में ज्योति प्रसाद भट्ट, किशन सिंह रावत, विक्रम सिंह बिष्ट, राकेश भूषण गोदियाल, शान्ति प्रसाद भट्ट, राजेंद्र बहुगुणा, विक्रम कठैत, रीता रावत, आनद सिंह बेलवाल, शंभू भंडारी, राजेंद्र सिंह असवाल, सुंदर लाल उनियाल, कुलदीप पंवार, मुरारी लाल खंडवाल, मुशरफ अली आदि ने कहा कि हमें शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए उत्तराखंडियत के लिए भी हमेशा तत्पर रहना होगा। गोष्ठी में मूल निवास,भू कानून और नई टिहरी शहीद स्थल निर्माण आदि विषयों पर भी चर्चा हुई। कार्यक्रम का संचालन देवेंद्र नौडियाल ने किया।