नई दिल्ली(आरएनएस) । केरल में बीजेपी पहली बार एक लोकसभा सीट जीतने में सफल रही है। लेकिन कुल मिलाकर दक्षिण भारत में कैसा रहा पार्टी का प्रदर्शन?तेलंगाना में 2019 में बीजेपी को 17 में से चार सीटें और 19. 65 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुआ था। इस बार पार्टी वहां अपनी सीटें दोगुनी कर आठ सीटों पर पहुंच गई है। वोट शेयर भी काफी बढ़कर 35। 08 प्रतिशत पर आ गया है। आंध्र प्रदेश में भी बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। 2019 में राज्य में पार्टी को 25 में से एक भी सीट नहीं मिली थी और 0. 98 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। इस बार बीजेपी ने राज्य में तीन सीटें जीती हैं और 11.28 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया है। कर्नाटक में संख्या बल गिरा कर्नाटक दक्षिण भारत का एकलौता राज्य है जहां बीजेपी ने कई सालों पहले ही सत्ता हासिल कर ली थी। 2019 में राज्य में बीजेपी ने 25 में से 25 सीटें जीती थी और 51. 38 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था। इस बार पार्टी का प्रदर्शन नीचे गिर गया और वह 17 सीटों पर आ गई। वोट शेयर भी घट कर 46. 06 प्रतिशत पर आ गया। केरल की 20 सीटों में इस बार बीजेपी का प्रदर्शन दिलचस्प रहा। मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार सुरेश गोपी त्रिशूर लोकसभा सीट बीजेपी को दिलाने में सफल रहे। यह बीजेपी की लोकसभा चुनावों में केरल में पहली जीत है।
राज्य में पार्टी का वोट शेयर 16. 68 प्रतिशत रहा जो 2019 में सिर्फ 13 प्रतिशत था। तिरुवनंतपुरम सीट भी पार्टी काफी कम अंतर से हारी। बीजेपी के राजीव चंद्रशेखर ने तीन बार से कांग्रेस सांसद शशि थरूर को अच्छी टक्कर दी और सिर्फ 16,077 वोटों से हारे। तमिलनाडु में कम से कम सीटों के मामले में तो इस बार भी बीजेपी को निराशा ही हाथ लगी है। पिछली बार की तरह ही इस बार भी पार्टी तमिलनाडु की 39 सीटों में एक भी सीट नहीं जीत पाई। कोयंबटूर सीट से बीजेपी को बहुत उम्मीद थी। यहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलई चुनाव लड़ रहे थे। तमिलनाडु में नहीं मिली सफलता उन्होंने काफी आक्रामक चुनावी अभियान चलाया और अपने बयानों से काफी सुर्खियां बटोरी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार उनकी रैलियों में शामिल हुए और उनके अभियान को सफल बनाने की कोशिश की।
लेकिन अंत में अन्नामलाई डीएमके के पी राजकुमार गणपति से एक लाख से भी ज्यादा वोटों से हार गए। हालांकि राज्य में बीजेपी का वोट शेयर 3.66 प्रतिशत से बढ़ कर 11.24 प्रतिशत हो गया। पुडुचेरी में भी बीजेपी पिछली बार की ही तरह सीट नहीं जीत पाई, लेकिन 35.81 प्रतिशत वोट शेयर जरूर हासिल कर लिया। यानी कुल मिलाकर दक्षिण भारत की कुल 127 सीटों में से बीजेपी को जहां 2019 में 29 सीटें और औसत 14. 77 वोट शेयर हासिल हुआ था, वहीं 2024 में सीटें तो 29 ही रहीं लेकिन औसत वोट शेयर बढ़ कर 26. 02 प्रतिशत हो गया।