देहरादून। सोलर एनर्जी के क्षेत्र में धामी सरकार की सीएम सौर स्वरोजगार योजना स्वरोजगार का बड़ा अवसर बन रही है। सिर्फ नौ महीने में ही सीएम सौर स्वरोजगार योजना में रिकॉर्ड 1629 आवेदन आ चुके हैं। जबकि पिछली बार आवेदन भले ही 1519 आए हों, लेकिन सिर्फ 148 प्लांट ही लग पाए। इस बार मौके पर भी प्लांट रिकॉर्ड संख्या में लग रहे हैं।
पिछली बार त्रिवेंद्र सरकार ने 20 सितंबर 2020 को सीएम सौर स्वरोजगार योजना शुरू की। कुल 1519 आवेदन आए। 889 को स्वीकृति दी गई। लेकिन लोगों ने प्लांट लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। सिर्फ 148 प्लांट ही लगे। मात्र 3.43 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन हो पाया। इस बार 28 दिसंबर 2023 को योजना शुरू की गई। नौ महीने का समय पूरा होने तक 1629 आवेदन आने के साथ ही 971 सोलर प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है। इससे 325 मेगावाट बिजली पैदा होगी। अभी तक करीब 25 मेगावाट के सोलर प्लांट से बिजली उत्पादन भी शुरू हो चुका है।
मौजूदा स्कीम में योजना को लेकर आवेदनों की संख्या और तेजी से बढ़ती जा रही है। उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, पौड़ी, चंपावत में सबसे अधिक आवेदन आ रहे हैं। उत्तरकाशी जिले की स्थिति ये है कि वहां सोलर प्लांट को ऊर्जा निगम की ओर से तकनीकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट देने में दिक्कत आ रही है। ग्रिड फुल होने के कारण सब स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने के साथ ही लाइनों की भी क्षमता बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है। सीएम सौर स्वरोजगार योजना में सरकार की ओर से कैपिटल सब्सिडी के साथ ही ब्याज पर भी सब्सिडी दी जा रही है।
पीएम सूर्यघर योजना में ही 68 मेगावाट का रिकॉर्ड उत्पादन
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना में अभी तक 17277 आवेदन आ चुके हैं। 17262 आवेदनों को टीएफआर मिल चुकी है। इससे 68 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इस तरह 17277 घरों का बिजली बिल पूरी तरह माफ हो जाएगा।
इन कारणों से बढ़ा योजना का क्रेज
सीएम सौर स्वरोजगार में इस बार बड़ा बदलाव किया गया। इन्हीं बदलावों के कारण योजना को लेकर लोगों में क्रेज बढ़ा। पिछली योजना में 25 किलोवाट तक के प्लांट को लेकर ही आवेदन किया जा सकता था। 25 किलोवाट के प्लांट में लोगों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस बार योजना का स्वरूप बदल दिया गया। 200 किलोवाट तक के प्लांट लगाने को मंजूरी दी गई। बॉर्डर जिलों में 55 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी और पांच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी का प्रावधान किया गया। ग्रिड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई गई।
सीएम सौर स्वरोजगार योजना को लेकर उत्साह दिखाया जा रहा है। न सिर्फ आवेदन बढ़ रहे हैं, बल्कि ग्राउंड पर भी तेजी के साथ प्लांट लग रहे हैं। इससे गांव की बंजर जमीनों का बेहतर इस्तेमाल हो रहा है। लोग अपनी जमीन पर प्लांट लगा कर एक बेहतर निश्चित आय प्राप्त कर रहे हैं। लीज रेंट प्राप्त करने के साथ ही प्लांट पर स्थानीय लोगों को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है। लोग प्लांट के नीचे जमीन पर खेती भी कर रहे हैं। – आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव ऊर्जा