देहरादून(आरएनएस)। देश में अनुसंधान और विकास पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार पर दूसरी राष्ट्रीय परामर्श बैठक नीति आयोग सदस्य डॉ. वीके सारस्वत के अध्यक्षता में सीएसआईआर-आईआईपी मोहकमपुर में हुई। दो दिनी बैठक में भारतीय अनुसंधान और विकास पारिस्थिति की चुनौतियों के समाधान पर चर्चा की गई। इस संदर्भ में पिछले माह लखनऊ के राजभवन में पहली परामर्शी बैठक हुई थी। नीति आयोग की इस पहल का उद्देश्य देश में एक प्रगतिशील, नवाचार-संचालित तथा सक्रिय अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना करना है, जिसमें सरकारी अनुसंधान और विकास संस्थानों तथा प्रयोगशालाओं के सामर्थ्य को बढाने और मज़बूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
डॉ. एन. कलैसेल्वी महानिदेशक सीएसआईआर और सचिव डीएसआईआर, प्रो. आशुतोष शर्मा अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, डॉ. हरेन्द्र सिंह बिष्ट निदेशक सीएसआईआर-आईआईपी, नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार प्रो. विवेक कुमार सिंह, प्रमुख वैज्ञानिक मंत्रालयों और विभागों के अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधियों की उपस्थिति में बैठक का उद्घाटन किया गया। प्रो. विवेक कुमार सिंह ने संस्थागत दक्षता, नवाचार-केंद्रित शासन और उन्नत उद्योग-शैक्षणिक सहयोग पर केंद्रित विषय के अपनी बात रखी। नीति आयोग सदस्य डॉ. वीके सारस्वत ने भारतीय सरकारी अनुसंधान, विकास संस्थानों को सक्रिय, स्वायत्त तथा मिशन-संचालित पारिस्थितिकी तंत्र में नएपन पर जोर दिया। वैज्ञानिक अनुसंधानों में सरकारी प्रक्रिया में होने वाली देरी से निपटने के लिए विकेंद्रीकृत, निर्णय लेने में सक्षम, समय पर बजट की उपलब्धता से सशक्त बनाने का सुझाव दिया। डॉ. सारस्वत ने हितधारकों के साथ निरंतर जुड़ाव और नीतिगत सिफारिशों में सुधारों की नीति आयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया। डॉ. एन. कलैसेल्वी अपना सुझाव देते हुए सहयोगात्मक शासन और शैक्षणिक साझेदारी को बढ़ाने जोर दिया। प्रो. आशुतोष शर्मा अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी ने विज्ञान के मानवीय आयामों पर चर्चा की साथ ही शोधकर्ताओं में अधिक विश्वास, प्रबंधन में सुधार, विज्ञान में कॅरियर के सरल मार्गों के निर्माण की जरुरत बताई।
शोध और विकास पारिस्थितिकी में सुधार के लिए आईआईपी में नीति आयोग की बैठक
