सेना की महिला नर्स को डिजिटल अरेस्ट कर 15 लाख ठगे

देहरादून(आरएनएस)।  भारतीय सेना की महिला नर्स को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 15 लाख रुपये से अधिक रकम ठग ली। आरोपियों ने महिला का मोबाइल नंबर बंद किए जाने का झांसा देकर अपने जाल में फंसाया। वीडियो कॉल में पुलिस वर्दी में बैठे अफसरों ने मुंबई क्राइम ब्रांच और सीबीआई से जुड़ा बताकर क्लीयरेंस के नाम रकम जमा कराई। महिला की तहरीर पर रायपुर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सैनिक कॉलोनी बालावाला निवासी नीतू कुमारी भारतीय सेना में नर्स की नौकरी करती हैं। नीतू वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत साउथ सूडान में तैनात हैं। हाल में वह 28 दिन की छुट्टी पर देहरादून स्थित अपने घर आई हैं। बीते 17 अगस्त को उन्हें एक कॉल प्राप्त हुआ। जिसमें कहा गया कि उनका मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट किया जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए नौ दबाने का विकल्प दिया गया। यह विकल्प चुना तो सामने से बोले व्यक्ति ने बताया कि उनकी आईडी पर एक दूसरा सिम कार्ड 15 जुलाई को मुंबई में सक्रिय किया गया है। वह नंबर अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है। उसके साथ महिला की आईडी पर लिए गए सभी नंबर बंद किए जाने की बात कही। नर्स घबरा गई। आरोपी गैंग ने इसके बाद महिला को वीडियो कॉलिंग एप पर अपने साथ जोड़ लिया। सामने पुलिस कार्यालय जैसे माहौल दिखाया गया। वीडियो कॉल पर बात कर रहे व्यक्ति ने खुद का परिचय पुलिस अफसर प्रदीप सांवत के रूप में दिया। उसने नर्स को डराया कि उनका आधार कार्ड केनरा बैंक के एक खाते में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शामिल है। मामला नरेश गोयल फ्राड से जुड़ा है। इसके बाद एक व्यक्ति को सीबीआई इंस्पेक्टर राजेश मिश्रा बताते हुए बात कराई गई। आरोपी नर्स को डिजिटल गिरफ्तार बताते हुए मानसिक रूप से डराया कि उनके पास गिरफ्तारी के पूरे सबूत हैं। कोर्ट में सबूत ही माने जाते हैं। आरोपियों ने महिला को उनके बैंक खाते में जमा रकम क्लीयरेंस के लिए आरबीआई में फ्रीज कराने को कहा। इसके लिए पूणे का एक बैंक खाता नंबर भेजा गया। पीड़िता एसबीआई की हर्रावाला शाखा गई। वहां जाकर अपने बैंक खाते से आरोपियों के दिए बैंक खाते में 15.09 लाख रुपये जमा करवा दिए। इसके बाद भी आरोपी जांच का हवाला देते हुए नर्स को वीडियो कॉल पर बने रहने की बात कहते रहे। तब नर्स को आरोपियों के ठग होने का शक हुआ। इसके बाद पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में लिखित शिकायत दी। वहां से जीरो एफआईआर दर्ज कर केस को रायपुर थाने ट्रांसफर किया गया। रायपुर थाना पुलिस ने मामले में साइबर ठगी की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।