सरकारी स्कूलों में शुरू होगा ‘लोकधुन कार्यक्रम’, 12 जनपदों में बनेंगे आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स

देहरादून। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड सरकार ने ‘लोकधुन कार्यक्रम’ शुरू करने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय लोक संगीत, कला और पारंपरिक वाद्य यंत्रों को संरक्षित करते हुए छात्र-छात्राओं को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाना है। प्रथम चरण में यह कार्यक्रम प्रदेश के 380 राजकीय विद्यालयों में संचालित किया जाएगा, जिसमें विद्यार्थियों को ढोल-दमाऊं, मशकबीन जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ-साथ संगीत और कला का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण स्थानीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त कलाकारों और विशेषज्ञों द्वारा दिया जाएगा।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार विद्यालयों में सह-शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। इसी क्रम में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के 12 जनपदों में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्थापित किए जाएंगे। इन खेल परिसरों में बॉक्सिंग, बैडमिंटन, बास्केटबॉल और टेबल टेनिस जैसे खेलों का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को दिया जाएगा, ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार हो सकें।

शिक्षा विभाग ने छात्रों में तर्क शक्ति और विश्लेषण क्षमता विकसित करने के लिए भी अभिनव पहल की है। प्रदेश के सभी विद्यालयों में अभिरुचि परीक्षण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत हर महीने ओएमआर शीट आधारित परीक्षण होंगे। इससे छात्रों को भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता मिलेगी।

राजकीय विद्यालयों में संचालित सुपर 100 कार्यक्रम को विस्तार देते हुए अब इसे सुपर 200 किया गया है, जिससे अधिक से अधिक छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी का अवसर मिल सकेगा।

इन सभी नवाचारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार द्वारा समग्र शिक्षा परियोजना के अंतर्गत राज्य को आवश्यक बजट प्रदान कर दिया गया है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार की सतत कोशिशों से राज्य की शिक्षा व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार आया है। सकल नामांकन अनुपात (GER) और शुद्ध नामांकन अनुपात (NER) में वृद्धि हुई है, जबकि ड्रॉपआउट दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। ये सभी संकेतक प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता में हो रहे व्यापक सुधारों को दर्शाते हैं।