रासायनिक खाद के प्रयोग में सावधानी बरतने की हिदायत

रुड़की(आरएनएस)। इफको की तरफ से किसान सेवा सहकारी समिति, दौलतपुर में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें विशेषज्ञों ने किसानों को उपज बढ़ाने के साथ ही खेत की मिट्टी की उर्वरक क्षमता को भी बरकरार रखने की हिदायत दी। इफको के राज्य विपणन प्रबंधक राकेश कुमार श्रीवास्तव ने कार्यशाला को शुरू किया। उन्होंने किसानों को उपज बढ़ाने के लिए किए जा रहे रासायनिक खाद के प्रयोग में सावधानी बरतने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि किसान सबसे पहले अपने खेत की मिट्टी का मृदा परीक्षण जरूर कराएं। इससे पता चलेगा की मिट्टी को किस रासायनिक तत्व की जरूरत है। उसी के आधार पर खेतों में उर्वरक डालें। उप महाप्रबंधक डॉ. रामभजन सिंह ने एनपीके कंसोर्टियां का प्रयोग करने की सुझाव दिया। कहा कि यह भूमि की संरचना में सुधार करने के अलावा, मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ाता है, साथ ही तापक्रम को सहने की शक्ति देता है। इसके अलावा पौधे को इससे नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश तत्व भी मिलते हैं। उपलब्ध कराता है की खासियत बताई। इफको एजीटी प्रियांश दीक्षित ने उर्वरक के संतुलित प्रयोग की सलाह दी। उन्होंने तरल नैनो यूरिया व तरल नैनो डीएपी तथा सामान्य दानेदार उर्वरक के बीच के फर्क को भी बारीकी से समझाया। इसमें किसानों को मृदा परीक्षण के लिए खेत से मिट्टी का नमूना लेने के तरीके और फसल में ड्रोन से छिड़काव करने के फायदे भी बताए गए। कार्यशाला में सहकारी समिति सचिव विश्वनाथ सैनी, उर्वरक प्रभारी त्रिलोकी प्रसाद के अलावा जितेंद्र गिरी, शोभाराम, कृष्ण पुरी, राजकुमार, रविंद्र कुमार, महीपाल, मुकेश कुमार सहित 40 किसानों ने प्रतिभाग किया।