अल्मोड़ा। रानीधारा सड़क पुनर्निर्माण संघर्ष समिति का धरना 24 वे दिन भी जारी रहा। धरने में भारी संख्या में महिलाओं सहित वरिष्ठ नागरिकों ने हिस्सा लेकर दो सूत्रीय मांगों सहित जिला प्रशासन से अस्थाई रूप से बरसात के पानी की उचित निकासी व सीवर लाइन की एसआईटी जांच के बिना कनेक्शन देने से इनकार किया। धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि चूंकि इस मार्ग में वाहनों की गति स्वाभाविक रूप से कम होती है गुरुत्व का केंद्र भी मार्ग के मोड़ों में ढलान को नालों की ओर करने के लिए उपयुक्त है इसलिए मार्ग के निर्माण में आवश्यक रूप से नालों की ओर होना चाहिए,ताकि लोगों के घरों में बरसात का पानी न जाए। धरना स्थल पर मौजूद सभी लोगों ने सीवर लाइन का एक स्वर में विरोध किया। समिति के अध्यक्ष दीप चंद्र पाण्डे ने अपने विचार रखते हुए कहा कि समय रहते अगर हम नही चेते तो पूरा इलाका आपदा की जद में आ सकता है। धरने के सयोंजक विनय किरौला ने कहा कि संगठित प्रयास से ही हम अपनी शर्तें शासन-प्रशासन से मना सकते है, साथ ही उन्होंने राजनीतिक दलों सहित व्यापार-मंडल व अन्य संगठनों व अल्मोड़ा की संभ्रात जनता से इस धरने-आंदोलन को सहयोग देने की अपील की। रविवार को धरने में कमला दरम्वाल, सुनीता पाण्डे, मीनू पंत, नीमा पंत, शम्भू दत्त बिष्ट, \सुमित नज्जौन, तनुजा पंत, ज्योति पाण्डे, गीता पंत, नीमा मिश्रा, हरिश्चंद्र जोशी, मनीषा पंत, गीता पाण्डे, ममता बिष्ट, किरण भाकुनी आदि उपस्थित रहे।