अल्मोड़ा। रानीधारा सड़क सुधारीकरण के लिए बारिश के बीच रानीधारा सड़क पुनर्निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले धरना छठे दिन गुरुवार को भी जारी रहा। धरनास्थल पर पहुंचे लोनिवि के सहायक अभियंता ने बताया कि विभाग के पास इस मार्ग में डामरीकरण हेतु 66.31 लाख का बजट है, किंतु इस मार्ग में तकनीकी दृष्टि से सीसी और इंटरलॉकिंग टाइल्स ही सम्भव है, इसके रूपांतरण के लिए फ़ाइल शासन को भेज दी गई है। संघर्ष समिति को दो माह में कार्य प्रारम्भ होने का समय दिया गया है। संघर्ष समिति का कहना है कि कार्यदायी संस्था रानीधारा वासियों को सुनिश्चित कराए कि उनके द्वारा किए गए कार्य के बाद किसी के घर में बरसात का पानी नहीं जाएगा, साथ ही लोनिवि सुनिश्चित करें कि उनके द्वारा इंटरलॉकिंग टाइल्स व सीसी मार्ग का कार्य कब से प्रारंभ होगा, तभी संघर्ष समिति धरने को स्थगित करेगी। धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि जब तक मार्ग का कार्य प्रारंभ नही होता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
धरना स्थल पर मौजूद मंजू पंत ने कहा कि सीवर लाइन बनने से लोगों के घरों में पानी आ रहा है, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बिना इंजीनियरिंग जांच के सीवर लाइन शुरू की गई तो वो आमरण अनशन, आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएंगी। संघर्ष समिति ने कहा कि जो लोग रानीधारा सड़क निर्माण संघर्ष समिति पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं वे लोग धरने का नेतृत्व करें, हम उनका स्वागत करते हैं। गुरुवार को धरने को समर्थन देने पहुंचे पूर्व दर्जा राज्य मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि रानीधारावासी इस सड़क के निर्माण में चल रहे इस धरने में संगठित हो जाए, तभी सड़क का निर्माण संभव है। गुरुवार को धरने में विनय किरौला, मीनू पंत, अर्चना पंत, आशीष जोशी, गीता पंत, मनीषा पंत, सुशीला बिष्ट, हिमांशु पंत, राहुल पंत, पवन पंत, बीना पंत, नीमा पंत, हंसी रावत, उमा अलमिया, भगवती डोगरा, प्रतिमा सिजवाली, कमला द्रमवाल, माया कांडपाल आदि सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।
रानीधारा मार्ग में घरों में पानी रोकने की व्यवस्था सुनिश्चित करें कार्यदायी संस्थाएं
