देहरादून(आरएनएस)। न्यायिक अभिरक्षा में टिहरी निवासी रणबीर सिंह की मौत के मामले में सोमवार को विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक संगठनों, महिला शक्ति ने सचिवालय कूच किया। रणबीर की पत्नी अपने तीन बच्चों के साथ कूच में शामिल हुईं। प्रदर्शनकारियों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच, परिजनों को मुआवजे देने की मांग की है। सीपीएम, यूकेडी समेत विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता सोमवार को परेड ग्राउंड के पास जुटे और यहां से सचिवालय कूच किया। वो नारेबाजी करते हुए सुभाष रोड पर पहुंचे ही थे, कि पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। जिसके चलते प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि 22 जून को कोतवाली ऋषिकेश में पुलिसकर्मियों ने रणबीर सिंह को बुरी तरह से पीटा था। इसके बाद 25 जून को सुद्धोवाला जिला कारागार में रणबीर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। आरोप लगाया कि पुलिस ने फर्जी केस में रणबीर को ढालवाला टिहरी से पकड़ा था। 25 जून को रणबीर की पत्नी उससे मिलने जिला कारागार गई थी, तब उसकी हालत बेहद नाजुक थी। उन्होंने मामले की हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायधीश या सीबीआई से जांच करने, परिजनों को मुआवजा देने, परिजनों को सुरक्षा देने की मांग की है। उन्होंने इस दौरान नगर मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
मौके पर सीपीआई के सचिव अनंत आकाश, यूकेडी से प्रमिला रावत, सुरेंद्र सिंह सजवाण, इंदु नौडियाल, राजेंद्र नेगी, राजेंद्र पुरोहित, शम्भू प्रसाद ममगाईं, नितिन मलेठा, विमला बहुगुणा, शैलेंद्र परमार, आजम खान, वालेश बवानिया, अमित पंवार आदि मौजूद थे।