रक्षाबंधन विशेष : जानें शुभ मुहूर्त, विधि

देहरादून। इस वर्ष रक्षाबंधन 3 अगस्त सोमवार को पड़ रहा है। 558 साल बाद सावन माह की पूर्णिमा पर गुरु और शनि अपनी-अपनी राशि में वक्री रहेंगे। रक्षाबंधन के दिन सुबह 9:29 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए। 9:29 के बाद पूरे दिन राखी बांध सकते हैं। रक्षाबंधन के सुबह 7:30 बजे के बाद पूरे दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा। पूर्णिमा पर पूजन के बाद अपने गुरु का आशीर्वाद भी जरूर लेना चाहिए। श्री गुरु रामराय लक्ष्मण संस्कृत महाविद्यालय देहरादून के प्राचार्य डॉ राम भूषण बिजल्वाण के अनुसार रक्षाबंधन पर गुरु अपनी राशि धनु में और शनि मकर में वक्री रहेगा। इस दिन चंद्र ग्रह भी शनि के साथ मकर राशि में रहेगा। ऐसा योग 558 साल पहले 1462 में बना था। उस साल में 22 जुलाई को रक्षाबंधन मनाया गया था।इस बार रक्षाबंधन पर राहु मिथुन राशि में, केतु धनु राशि में है। 1462 में भी राहु-केतु की यही स्थिति थी। रक्षाबंधन पर सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। स्नान के बाद देवी-देवताओं और अपने गुरु की पूजा करें। पितरों के लिए धूप-ध्यान करें। इन शुभ कामों के बाद पीले रेशमी वस्त्र में सरसों, केसर, चंदन, चावल, दूर्वा और अपने सामर्थ्य के अनुसार सोना या चांदी रख लें और धागा बांधकर रक्षासूत्र बना लें। इसके बाद घर के मंदिर में एक कलश की स्थापना करें। उस पर रक्षासूत्र को रखें, विधिवत पूजन करें।वस्त्र अर्पित करें, भोग लगाएं, दीपक जलाकर आरती करें। पूजन के बाद ये रक्षासूत्र को दाहिने हाथ की कलाई पर बंधवा लेना चाहिए। ब्राह्मण लोग अपने यजमानों के हाथों पर रक्षासूत्र बांधे। राखी बांधने के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए. कहते हैं कि रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांध दी थी इसलिए रावण का विनाश हो गया। 3 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है. राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएग। दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक बहुत ही अच्छा समय है। इसके बाद शाम को 7 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9:30 के बीच में बहुत अच्छा मुहूर्त रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *