देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की अध्यक्षता में गुरुवार को राजभवन में उत्तराखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद की 27वीं कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राज्यपाल ने कहा कि बाल कल्याण परिषद को राज्य मुख्यालय में ही सीमित न रखते हुए इसकी गतिविधियों को जनपदों में अधिक संचालित किये जाने के प्रयास करने होंगे। लोगों को बाल कल्याण के कार्यक्रमों और गतिविधियों की अधिकाधिक जानकारी हो, इसके लिए प्रचार-प्रसार किया जाय। उन्होंने परिषद की वेबसाईट और सोशल मीडिया अकाउंट्स बनाने के निर्देश दिये जिससे अधिक से अधिक लोग जुड़ सकें। राज्यपाल ने कहा कि बाल कल्याण परिषद को और अधिक सशक्त बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा आजीवन सदस्य बनाने के साथ ही संस्थाओं को सीएसआर के लिए भी प्रेरित करें।
राज्यपाल ने कहा कि बच्चों के कल्याण और उत्थान के लिए और अधिक कार्य करने की जरूरत है। प्रत्येक बच्चे का सर्वांगीण विकास हो, परिषद का यह उद्देश्य होना चाहिए। संसाधनों के अभाव में कोई भी बच्चा अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण से वंचित न रहे। सुविधाहीन बच्चों के हितों का संरक्षण करते हुए उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किये जाय। बाल श्रम, बाल तस्करी, यौन उत्पीड़न जैसी चुनौतियों के समाधान खोजने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी सुरक्षा, उनका अभिमुखीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाय।
बैठक में राज्यपाल ने वर्ष 2023-24 के लिए प्रस्तावित बजट का अनुमोदन करने के साथ ही अन्य बिंदुओं पर अपनी सहमति दी। उन्होंने परिषद के कर्मियों के मानदेय में वृद्धि हेतु भी अपनी सहमति दी। बैठक में महासचिव पुष्पा मानस ने कार्यकारिणी की 26वीं बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि व अनुमोदन प्राप्त किया। उन्होंने परिषद द्वारा विगत वर्ष में किये गये कार्यों और गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।
बैठक में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, वित्त नियंत्रक डॉ0 तृप्ति श्रीवास्तव, उत्तराखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश बाबला, उपाध्यक्ष मधु बेरी व राकेश ओबेराय, महासचिव पुष्पा मानस, कोषाध्यक्ष डॉ0 आशा श्रीवास्तव सहित परिषद के विभिन्न पदाधिकारी, सदस्य व जिला कार्यकारिणी के सदस्य भी उपस्थित थे।