राज्य कर विभाग में कर्मचारियों की बहाली न होने पर कर्मचारी नाराज

देहरादून(आरएनएस)।  राज्य कर विभाग में 113 कर्मचारियों की बहाली को लेकर उपनल संविदा कर्मचारी संघ ने दबाव तेज कर दिया है। संघ की ऑनलाइन बैठक में कर्मचारियों की बहाली न होने पर नाराजगी जताई गई। शासन में बैठे अफसरों पर कर्मचारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया गया। महामंत्री प्रमोद गुसाईं ने कहा कि शासन के अड़ियल रवैये के कारण 15 साल से काम कर रहे 113 कर्मचारी सेवा से बाहर हैं। एक मार्च 2024 को उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई। मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बावजूद शासन में बैठे अफसरों ने कर्मचारियों की सेवाएं बहाल नहीं की। सिर्फ शासन में फाइल इधर से उधर घुमाई जा रही है। ये स्थिति तब है, जब विभाग खुद कह रहा है कि विभाग में सैकड़ों पद खाली हैं। शासन में बैठे अफसर लगातार गुमराह कर रहे हैं। कभी आचार संहिता, तो कभी कोई और बहाना बना कर कर्मचारियों की बहाली को ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है।

उपाध्यक्ष पूरण भट्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की ओर से कर्मचारियों को राहत देते हुए सेवा बर्खास्तगी के आदेश को स्टे करते हुए दोबारा बहाली के निर्देश दिए थे। स्टे आदेश को आए हुए भी तीन महीने गुजर चुके हैं। इसके बाद भी कर्मचारियों की सेवाएं बहाल नहीं की जा रही है। कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। नौकरशाही पूरी तरह सरकार पर हावी है। इसके कारण कोर्ट और सरकार के आदेशों को भी अफसर मानने को तैयार नहीं हैं।

उल्टा अफसर जनता के पैसे को कोर्ट में बड़े बड़े वकीलों पर खर्च कर रहे हैं। कहा कि उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण का मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में 15 साल से काम कर रहे कर्मचारियों को सेवा से नहीं हटाया जा सकता है। सेवाएं समाप्त होने के बाद से इन कर्मचारियों के परिवारों पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा हुआ है। सभी परिवार गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
ऐसे में यदि जल्द से जल्द कर्मचारियों की बहाली नहीं होती, तो कर्मचारी आंदोलन को मजबूर होंगे। ऑनलाइन बैठक में प्रदेश महामंत्री प्रमोद गुसाईं, उपाध्यक्ष पुरन भट्ट, कोषाध्यक्ष तेजा सिंह बिष्ट, गणेश गोस्वामी, विनोद बिष्ट, मनोज कुमार, श्याम मेवाड़ी, नवीन कापड़ी, मनोज जोशी, मनोज गड़कोटी, संदीप कुमार, अनिल कोटियाल, योगेश भाटिया, नीतिन मौजूद रहे।