अभिभावक की सतर्कता से खुला मामला, आरोपी अरेस्ट, ट्रस्ट पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी
देहरादून। राजधानी के कार्गी चौक क्षेत्र में “पेंसिल बॉक्स” नामक एक प्री-प्रेपरेटरी स्कूल और उसके साथ संचालित अवैध हॉस्टल में मानसिक रूप से असक्षम बच्चों के यौन शोषण का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दिल्ली में पंजीकृत एक ट्रस्ट द्वारा संचालित यह संस्था किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड या शिक्षा विभाग से संबद्ध नहीं थी और न ही इसे हॉस्टल संचालन की वैधानिक अनुमति प्राप्त थी।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (SCPCR) की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना के नेतृत्व में आयोग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की। निरीक्षण में सामने आया कि स्कूल और हॉस्टल दोनों ही अनधिकृत रूप से संचालित हो रहे थे और बच्चों की देखभाल के बुनियादी मानकों तक का पालन नहीं किया गया था। जर्जर भवन, गंदगी, प्रशिक्षित स्टाफ का अभाव और सुरक्षा उपायों की पूरी तरह अनदेखी इस अवैध हॉस्टल की हकीकत को बयां कर रहे थे।
अभिभावक की सतर्कता से हुआ भंडाफोड़
यह मामला तब सामने आया जब एकल अभिभावक ने अपने दो मानसिक रूप से असक्षम बेटों से मिलने अचानक हॉस्टल का रुख किया। बच्चों के व्यवहार में असामान्य बेचैनी देख उन्होंने तत्काल उन्हें बाहर लाने का निर्णय लिया। बाहर आने पर बच्चों ने खुलासा किया कि रात की ड्यूटी पर तैनात अटेंडेंट उनका यौन शोषण करता है।
आरोपी गिरफ्तार, जांच में जुटी पुलिस
मामले की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी उत्तर प्रदेश के बनारस का निवासी है और 16 मई से हॉस्टल में अटेंडेंट के रूप में कार्यरत था। हैरानी की बात यह रही कि उसका कोई पुलिस सत्यापन भी नहीं कराया गया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
ट्रस्ट के खिलाफ कानूनी शिकंजा
बाल आयोग और पुलिस की संयुक्त जांच जारी है। “पेंसिल बॉक्स” स्कूल को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। बाल कल्याण समिति (CWC) आगामी सोमवार को स्कूल में पढ़ रहे अन्य 15 बच्चों से भी बातचीत करेगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या किसी अन्य बच्चे के साथ भी दुर्व्यवहार हुआ है।
बाल अधिकार आयोग ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली में पंजीकृत ट्रस्ट के खिलाफ भी कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
मामला क्यों है गंभीर
स्कूल और हॉस्टल बिना किसी वैधानिक अनुमति के चल रहे थे।
मानसिक रूप से असक्षम बच्चों का यौन शोषण हुआ।
आरोपी अटेंडेंट बिना पुलिस वेरिफिकेशन के कार्यरत था।
बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के सभी मानकों का उल्लंघन हुआ।
एक सतर्क माता ने बच्चों के व्यवहार से संदिग्ध हालात पहचाने और मामला सामने आया।