प्रवेश की आयु सीमा में छूट का शासनादेश भेदभावपूर्ण

देहरादून(आरएनएस)।  प्राथमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि कक्षा में कक्षा एक में प्रवेश के लिए आयु सीमा में छूट दिए जाने को लेकर जारी शासनादेश राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के साथ भेदभाव कर रहा है। इसका लाभ सिर्फ पब्लिक स्कूलों को मिलेगा। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय तदर्थ समिति के पदाधिकारी मनोज तिवारी ने कहा कि यदि आयु सीमा में शिथिलता प्रदान करते हुए इसे पूर्व की भांति पांच वर्ष नहीं किया गया तो प्रदेश के राजकीय प्राथमिक विद्यालयो में ताले लटकने की नौबत आ जाएगी। उन्होंने कहा कि संगठन की मांग का संज्ञान लेते हुए विभाग ने अब संशोधित शासनादेश तो जारी कर दिया है। परंतु इसमें आयु सीमा में छूट हेतु केवल नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी में अध्यनरत बच्चों को ही दी गई है। तिवारी ने कहा कि इस आदेश से सीधे-सीधे प्राइवेट स्कूलों को ही लाभ मिलेगा। क्योंकि राजकीय विद्यालय में उक्त कक्षाएं संचालित नहीं होती हैं। इस आदेश में यदि आंगनवाड़ी, बाल वाटिका का उल्लेख होता तो प्रवेश की कमी से जूझ रहे राजकीय विद्यालय में भी छात्र नामांकन में अपेक्षित सुधार हो पाता।