हल्द्वानी(आरएनएस)। जीएनएम की कथित लापरवाही से प्रसव के दौरान एक महिला की मौत हो गई। इसे लेकर परिवार के लोगों ने गढ़ीनेगी पीएचसी में जमकर हंगामा काटा। सूचना पर सीएमओ ने जसपुर संयुक्त चिकित्सालय के सीएमएस को जांच के लिए भेजा। प्रथम दृष्टयता महिला के प्रसव में लापरवाही बरते जाने की बात सामने आने पर जीएनएम (नर्स)को वहां से हटा दिया गया है। इस मामले में जांच के लिए समिति का गठन किया गया है। गढ़ीनेगी निवासी कृष्ण कुमार की पत्नी किरन देवी गर्भवती थी। उसे गढ़ीनेगी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दिखाया गया था। 10 जनवरी, 2024 को किरन का पंजीकरण कर उसे टीकाकरण का कार्ड दे दिया गया। इसके बाद उसे नियमित टीके लगते रहे। नौ माह का गर्भ पूरा होने पर किरन ने पीएचसी पहुंचकर जीएनएम को दिखाया। जीएनएम ने उसे सामान्य प्रसव कराने का भरोसा दिलाते हुए कुछ दिन और रुकने को कहा। 17 अक्तूबर को किरन को प्रसव के लिए पीएचसी में भर्ती कराया गया। पूछने पर जीएनएम सामान्य डिलीवरी कराने का भरोसा दिलाते हुए परिजनों से धैर्य बनाए रखने के लिए कहती रही। शाम पांच बजे जीएनएम ने यह कहते हुए हाथ खड़े कर दिए कि केस बिगड़ गया है। इसपर परिजन किरन को मुरादाबाद रोड स्थित एक निजी अस्पताल ले गए। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में आरोपी जीएनएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर परिजनों ने पीएचसी में हंगामा काटा। मृतका के पति की ओर से इस मामले में सीएम और सीएमओ को शिकायत भेजी गई। सीएमओ मनोज कुमार शर्मा के निर्देश पर शनिवार को जसपुर संयुक्त चिकित्सालय के सीएमएस डॉ धीरेंद्र मोहन गहलोत गढ़ीनेगी पहुंचे। उन्होंने पीड़ित पक्ष से घटना के संबंध में जानकारी ली। प्रधान पति सचिन बाठला, आकांक्षा ठाकुर ने आरोपी जीएनएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सीएमएस डॉ. गहलोत ने बताया कि उस दिन महिला चिकित्सक अवकाश पर थी। प्रथम दृष्टयता जीएनएम की लापरवाही सामने आई है। उसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।