अल्मोड़ा। गबन के एक मामले में अपर सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार पांडे ने अभियुक्त गिरधारी सिंह पूना पुत्र स्व टीका सिंह पूना निवासी ग्राम पूनाकोट पोस्ट पेटशाल जिला अल्मोड़ा की विभिन्न धाराओं के तहत अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत की गई थी खारिज की गई। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा द्वारा न्यायालय को यह बताया गया कि अभियुक्त गिरधारी सिंह पूना उप डाकघर पोखर खाली अल्मोड़ा में पोस्ट मास्टर के पद पर कार्यरत थे जिनके द्वारा 4 एमआईएस खाते फर्जी तरीके से जारी कर ₹162000 एवं डाक विभाग द्वारा अन्य पासबुकों की जांच की गई तो उसमें 226 पासबुकों में गबन पाया गया तथा 82 पासबुक फर्जी तैयार कर लगभग 48 लाख रुपए का गबन किया गया तथा अभियुक्त द्वारा उक्त एमआईएस के खातों में एंट्री कर उनका इंद्राज सरकारी खाते में किया जाना था जबकि अभियुक्त द्वारा ऐसा नहीं किया गया।
विवेचना अधिकारी द्वारा वास्तविक पासबुक व फर्जी पास बुक में दर्ज एंट्री के मिलान हेतु गिरधारी सिंह पूना के हस्त अभिलेख मिलान हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया तो विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट के आधार पर उक्त पासबुकों में अभियुक्त के हस्तलेख का मिलान होना पाया गया।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा अभियुक्त की जमानत का घोर विरोध करते हुए न्यायालय को यह भी बताया कि अभियुक्त ने अपराध कारित किया है यदि अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह गवाहों को डरा धमका कर साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर अभियोजन पक्ष के गवाहों को तोड़ सकता है जिस कारण अभियुक्त की जमानत का कोई औचित्य नहीं है पत्रावली में मौजूद साक्ष्य का परिशीलन कर न्यायालय ने अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।