पौड़ी(आरएनएस)। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पौड़ी की अदालत ने बीजीआर पौड़ी परिसर के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सहित चार युवाओं को मारपीट को दोषी पाया है। अदालत ने चारों दोषी युवाओं को छह माह की परिवीक्षा पर छोड़ दिया हैं। उन्हें सदाचरण पर रहना होगा। सभी दोषियों को जिला प्रोबेशन अधिकारी के समक्ष 30 हजार का बंध पत्र जमा करना होगा। बीते 20 मई 2023 को कोतवाली पौड़ी में एसएफआई कार्यकर्ता नितिन मलेठा ने एक तहरीर दी थी। तहरीर में उन्होंने कहा था कि पौड़ी के नगर पालिका बरातघर में 19, 20 व 21 मई 2023 को एसएफआई (स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया) का राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया था। जहां बीते 20 मई की शाम 7 बजे एबीवीपी के कार्यकर्ता पहुंच गए। यहां उन्होंने एसएफआई कार्यकर्ताओं से गाली-गलौज, मारपीट, तोड़फोड़ की। साथ ही एक कार्यकर्ता का गला घोंटने का प्रयास किया गया। सम्मेलन के अतिथि के प्राइवेट पार्ट को चोट पहुंचाई गई। छात्रों को मारने की धमकी भी इनके द्वारा दी गई। उन्होंने घटना में शामिल रहे पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष, उनके भाई सहित चार युवाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, जान से मारने की धमकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की थी। पुलिस ने जांच के बाद 22 अप्रैल 2024 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। सहायक अभियोजन अधिकारी वर्षा ने बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पौड़ी प्रतीक मथेला की अदालत ने गढ़वाल विवि के बीजीआर परिसर पौड़ी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋत्विक असवाल, उनके भाई मंजीत असवाल निवासी अपर चोपड़ा पौड़ी, मनोज रावत निवासी बैंज्वाड़ी गांव व अंकित रावत निवासी न्यू पूल्ड हाउस पौड़ी को मारपीट का दोषी पाया है। अदालत ने सभी दोषियों को छह माह की परिवीक्षा पर छोड़ दिया है। इस दौरान सभी दोषियों को सदाचरण में रहना होगा। बताया कि मारपीट के दोषियों को 15 सितंबर को जिला प्रोबेशन अधिकारी पौड़ी कार्यालय में 30 हजार का बंध पत्र जमा करना होगा। बताया कि अदालत ने चारों को साक्ष्यों के अभाव में गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी व संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं में आरोपमुक्त किया है।
