पांच लाख से अधिक कारीगरों ने पाया बुनियादी प्रशिक्षण

देहरादून(आरएनएस)। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत अब तक पांच लाख से अधिक कारीगरों-श्रमिकों को बुनियादी प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र वितरित किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ पर ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने योजना के लाभार्थियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए। देहरादून में निरंजपुर स्थित राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वर्ग की चिंता करते है। उन्होंने कहा कि हमारे कारीगर भाइयों के बिना देश का नव निर्माण संभव नहीं है। हमारे कारीगर और श्रमिक ही योजना के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक केंद्रीय योजना है, जो दिनांक 17 सितंबर, 2023 को कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता देने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, कारीगरों को जमानत मुक्त ऋण, कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत, अब तक 5,03,161 से अधिक उम्मीदवारों को बुनियादी प्रशिक्षण के बाद प्रमाणित किया गया है। इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशक कौशल विकास रवि चिल्कोटी, एमएसएमई निदेशक आर के चौधरी, उप निदेशक जीपी चौरसिया, एसडीएम देहरादून हरि गिरी गोस्वामी, मुख्य प्रबंधक एसबीआई दीपिका शुक्ला, पीएनबी बैंक मैनेजर संजय भाटिया सहित कई लोग उपस्थित रहे।
अगले पांच साल तक लागू रहेगी योजना:  योजना के लिए 13 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह योजना अगले पांच साल तक लागू रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और हस्तशिल्प श्रमिकों को विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र मिलता। इन लोगों को पहले चरण में एक लाख तक का ब्याज मुक्त लोन और इसके बाद दूसरे चरण में पांच फीसदी की रियायती ब्याज दर के साथ दो लाख रुपये मिलते हैं।