देहरादून(आरएनएस)। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्टों की तैनाती के मानक बदल कर पद बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों में पचास मरीजों पर एक फार्मासिस्ट तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कम से कम तीन फार्मासिस्टों की तैनाती अनिवार्य की जाए। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष सुधा कुकरेती और महामंत्री डॉ सतीश चंद्र पांडेय ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत को ज्ञापन भेजकर फार्मेसी संवर्ग में फार्मासिस्ट तैनाती के मानकों में बदलाव की मांग की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थिति वाला पर्वतीय प्रदेश है और राज्य में बहुत बड़े क्षेत्रफल में एक अस्पताल की स्थापना की गई है। ऐसे में इन अस्पतालों में फार्मासिस्ट की तैनाती अधिक होनी चाहिए ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके। उन्होंने मांग की कि जिला अस्पताल में पचास बेड पर एक फार्मासिस्ट की तैनाती अनिवार्य रूप से की जाए। इसके साथ ही सब सेंटर पर एक जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अनिवार्य रूप से तीन फार्मासिस्ट तैनात किए जाएं। उन्होंने कहा कि समाज में दवाओं के बेतरतीब उपयोग से दिक्कतें बढ़ रही हैं और यदि इसमें सुधार नहीं किया गया तो लोगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अप्रशिक्षित लोगों से दवाओं का वितरण कराया जाना गलत है और इससे समाज को व्यापक स्तर पर दवाओं के दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं।